Ujjain News: उज्जैन में नगर निगम की अतिक्रमण हटाने वाली रिमूवल गैंग की दादागिरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। रिमूवल गैंग के कर्मचारी अतिक्रमण हटाने के नाम पर मनमानी करते हुए नजर आ रहे हैं। आलम यह है की वसूली गैंग जुर्माने के नाम पर पर्ची काटकर जा रही है और उसके बाद रिमूवल गैंग व्यापारियों का सामान उठाकर ले जा रही है।
आज भी ये देखने को मिला जब व्यापारियों से वसूली गैंग ने सुबह 400 रुपए की पर्ची कटवाई और दोपहर में पहुंची रिमूवल गैंग ने दुकानों को तहस-नहस कर सामान जब्त कर लिया। इस कार्रवाई का कोई पंचनामा भी नहीं बनाया गया और ना ही लोगों को ये जानकारी दी गई कि उनका सामान कहां से मिलेगा।
हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम के कर्मचारी नियमों को ताक पर रखकर सारी कार्रवाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं। चरक अस्पताल के सामने की गई इस कार्रवाई में कर्मचारी पहुंचे और ताबड़तोड़ सामान उठाते हुए निकल गए। जबकि, इस बारे में रिमूवल गैंग प्रभारी नीता जैन को कोई भी जानकारी नहीं थी।
जब नीता जैन से इस कार्रवाई के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता है। उन्होंने यह भी कहा कि एमआईसी सदस्य योगेश्वरी राठौर के कहने के बाद यहां पर गैंग को भेजा गया था। वहीं डॉ योगेश्वरी राठौर का कहना है कि चरक अस्पताल के सामने दुकान होने की वजह से एंबुलेंस को निकलने में परेशानी आती है इसलिए दुकानदारों को पीछे हटाने के लिए भेजा था। लेकिन अफसरों द्वारा क्या गड़बड़ी की गई है इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है।
कानूनी अपराध है निगम कर्मचारियों का रवैया
निगम की रिमूवल गैंग के कर्मचारी व्यापारियों का अतिक्रमण हटाने में जिस तरह की मनमानी कर रहे हैं, वह दादागिरी की श्रेणी में आता है। इस तरह से उनके खिलाफ धारा 506 के तहत गुंडागर्दी का मुकदमा दर्ज करवाया जा सकता है। निगम की तरफ से अगर पर्ची काटी जाती है तो व्यापारियों को नहीं हटाया जाता है। रिमूवल कार्रवाई के प्रावधान के मुताबिक प्रथम श्रेणी ऑफिसर का साथ में होना जरूरी है, बिना इसके रिमूवल गैंग कार्रवाई नहीं कर सकती।