Ujjain News: महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए समय-समय पर नियमों में बदलाव किया जाता है। ज्यादा और कम भीड़ को देखते हुए दर्शन व्यवस्था में कई तरह के बदलाव आते हैं। अब एक बार फिर श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए महाकाल मंदिर समिति नया प्रयोग करने जा रही है। इससे भस्म आरती की परमिशन में हो रही कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी और श्रद्धालुओं को अच्छे से दर्शन भी हो सकेंगे।
एक-दो दिनों में नई व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी जिसके चलते भस्म आरती में शामिल हुए श्रद्धालुओं के पास फोन या मैसेज आएगा। जिसमें 5 सवाल पूछे जाएंगे कि उन्हें भस्म आरती के दौरान का अनुभव कैसा लगा। इसी के साथ आरती की परमिशन किसने बनवाई और कितने रुपए लिए गए इस तरह के सवाल भी पूछे जाएंगे।
महाकालेश्वर मंदिर में रोज सुबह होने वाली भस्म आरती में शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। इस अनुपम आरती में भाग लेने आए श्रद्धालुओं के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे दिया जाता है। इसी देखते हुए समिति ने नई व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया है। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी का कहना है कि समिति ने निर्णय लिया है कि जल्द ही भस्मारती में आए श्रद्धालुओं को कॉल सेंटर से फोन कर फीडबैक लिया जाएगा। फोन करने के साथ मैसेज भी भेजे जाएंगे जिसमें श्रद्धालुओं से 5 सवालों के जवाब पूछे जाएंगे।
कालाबाजारी पर लगेगी रोक
बड़ी संख्या में भस्म आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंचते हैं। लगभग 1600 भक्तों को ही आरती की अनुमति मिलती है, ऐसे में कई लोगों के साथ ठगी की वारदात होती है। कई श्रद्धालु महाकाल थाने में इस बात की शिकायत दर्ज करवा चुके हैं इसी को देखते हुए समिति ने यह निर्णय लिया है। समिति ने बताया है कि परमिशन लेते समय जिस भक्तों का नंबर डाला जाएगा उससे सारी जानकारी एकत्रित की जाएगी ताकि मंदिर की व्यवस्था को सुधारा जा सके।
पूछे जाएंगे ये सवाल
भस्मारती खत्म होने के बाद इसमें शामिल हुए श्रद्धालुओं से अनुभव कैसा था, भस्म आरती की परमिशन किसने दिलवाई, परमिशन के लिए कितने पैसे लिए गए, प्रकार की असुविधा तो नहीं हुई, क्या ज्यादा पैसे की डिमांड की गई इस तरह के सवाल पूछे जाने वाले हैं।
अभी ऐसी है व्यवस्था
फिलहाल भस्म आरती के लिए परमिशन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से मिलती है। ऑफलाइन के लिए श्रद्धालुओं को टिकट विंडो पर पहुंचकर अनुमति लेनी होती है, जो फ्री है। वहीं ऑनलाइन परमिशन के लिए वेबसाइट पर जाकर परमिशन दी जा सकती है, जिसके लिए 200 रुपए लगते हैं। इसके अलावा प्रोटोकॉल में भी भक्तों को परमिशन दी जाती है जिसमें अधिकारी मंत्री विधायक राजनेता सांसद और मीडिया का अलग-अलग कोटा रखा गया है।