Plant Care: सर्दी के मौसम में जिस तरह हमारी त्वचा और बालों को अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता होती है, ठीक इसी प्रकार इस मौसम में पौधों की देखभाल भी अत्यधिक करनी पड़ती है। ठंड का मौसम पौधों के लिए कई चुनौतियां लेकर आता है।
पौधों को सही पोषण ना मिलने की वजह से उनमें फुल कम आने लगते हैं, इसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह के केमिकल वाले फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह फर्टिलाइजर पौधों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं क्योंकि इनमें अत्यधिक मात्रा में केमिकल पाया जाता है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी, लेकिन हम आपको बता दें, कि आपके किचन में ही एक चीज ऐसी है, जिसकी मदद से आप अपने पौधों को हरा भरा और खिला हुआ बना सकते हैं। वह चीज कुछ और नहीं बल्कि केले का छिलका और दालचीनी पाउडर है।
पौधों के लिए केले के छिलके का इस्तेमाल
केले के छिलके में पोटेशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पौधों के विकास और फूलों के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। चलिए फिर जान लेते हैं, कि आखिर केले के छिलके का इस्तेमाल किस तरह करना है।
कैसे करें केले के छिलके का इस्तेमाल
केले के छिलके की लिक्विड खाद बनाने के लिए आपको आधा किलो गर्मी कंपोस्ट को पानी में मिलाकर चार से पांच दिनों तक छोड़ देना है, ऐसा करने से पोषक तत्व पानी में घुल जाते हैं। इसके बाद इस घोल को 5 लीटर पानी में मिलाकर तैयार करें।
कॉफी पाउडर भी मिलाएं
इस्तेमाल करने के लिए इस घोल को आधा लीटर पानी में मिलाएं, फिर इसमें एक चम्मच कॉफ़ी और ऊपर से एक गिलास पानी डालकर अच्छे से मिक्स करें। तैयार किए गए खाद को मिट्टी की गुड़ाई के बाद पौधों की जड़ों में डालें। यह मिश्रण पौधों को जरूरी पोषण प्रदान करता है, जिससे वे स्वस्थ और हरे भरे रहते हैं।
कैसे करें दालचीनी पाउडर का इस्तेमाल
अगर आपके पौधे में फंगस लग गई है, या फिर जड़े खराब होने लगी है, तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए दालचीनी और दही का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।
दालचीनी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण पौधों को संक्रमण से बचाकर रखते हैं। वहीं दही पौधों के विकास को बढ़ावा देता है। एक सरल घोल बनाने के लिए आधा लीटर पानी में दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर इसे पौधों की जड़ों में डालें । इसके अलावा एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पानी में घोलें।