मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों और नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ मिट्टी से निर्मित श्री गणेश जी की प्रतिमाएं वितरित कीं। कार्यक्रम का आयोजन लोकमान्य तिलक गणेश उत्सव महाआयोजन समिति द्वारा किया गया था।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक मंगलकामना देते हुये कहा, बाबा महाकाल की कृपा से इस बार उज्जैन में सिंहस्थ-2028 पिछले सभी रिर्काड तोड़ेगा। उज्जैन में तीर्थाटन को बढ़ावा दिया जायेगा और उज्जैन के विकास में किसी प्रकार कि कमी नहीं आने दी जायेगी।
प्रकृति का यही संदेश है घर-घर हो मिट्टी के श्रीगणेश
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान श्रीगणेश का पूजन-अर्चन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में श्रीगणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। रिद्धि सिद्धि दाता शुभ कार्य को सफल बनाते हैं, इसलिए हर मंगल कार्य के आरंभ में श्रीगणेश की वंदना अनिवार्य समझी गई है। हमारी प्रकृति का यही संदेश है कि घर-घर में मिट्टी के श्रीगणेश हो।
स्वदेशी के साथ मिट्टी के गणेश के वितरण का उत्सव
डॉ यादव ने कहा कि प्रदेश में स्वदेशी के वातावरण के साथ मिट्टी के गणेश के वितरण का उत्सव मनाया जा रहा है। यह हमारे लिए आनन्द का उत्सव है। भगवान की कृपा से देश के विकास के साथ प्रदेश का विकास हो रहा है, यह हमारे लिए गौरव की बात है। उज्जैन शहर का निरंतर सौन्दर्यीकरण कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को भेंट की गणेश प्रतिमा
कार्यक्रम में शामिल विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने बताया कि मूर्ति वितरण कार्यक्रम में लगभग 300 मिट्टी से बनी मुर्तियों का वितरण शहर की विभिन्न समितियों और संगठनों को किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विधायक जैन, महापौर मुकेश ट्टवाल, सभापति श्रीमती कलावती यादव, संजय अग्रवाल आदि ने आत्मीय स्वागत किया और उन्हें श्रीगणेश की प्रतिमा भेंट की।





