Ujjain News: पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के इरादे के साथ उज्जैन नगर निगम एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। निगम के अफसरों को अब इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध करवाए जाने वाले हैं। इससे पेट्रोल डीजल में लगने वाला खर्च तो कम होगा ही पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी यह सराहनीय कदम होगा।
फिलहाल निगम के अफसरों के पास 26 वाहन है जो पेट्रोल डीजल से चलते हैं। इन्हें चलाने पर प्रति किलोमीटर 8 से 10 रुपए खर्चा आता है। इलेक्ट्रिक वाहन की मदद से ये खर्चा सीधे 1 रुपए प्रति किलोमीटर पर पहुंच जाएगा। हाल ही में निगम के वर्कशॉप प्रभारी द्वारा किए गए एक जुगाड़ के बाद आयुक्त ने सभी अफसरों को इलेक्ट्रिक गाड़ी दिए जाने का प्लान बनाने के लिए निर्देश दिया है।
बता दें वर्कशॉप प्रभारी विजय गोयल ने पुराने कचरा गाड़ी का इंजन निकालकर उसे दो बैटरी की सहायता से इलेक्ट्रिक गाड़ी बना दिया। रोजाना एक बार चार्ज होने के बाद यह 180 किलोमीटर तक चल रही है। वहीं कैलकुलेशन के हिसाब से यह सामने आया कि पेट्रोल डीजल के वाहन से 60 किलोमीटर चलने के लिए 600 रुपए खर्च हो रहे हैं जबकि इलेक्ट्रिक वाहन पर यह खर्चा 60 रुपए का ही है। इसके साथ प्रदूषण बहुत कम होगा, जिसे देखते हुए अब निगम की वाहन शाखा ने काम करना शुरू कर दिया है। अब अफसरों के लिए जल्द ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां तैयार की जाएगी जिसमें वो दौरा करते नजर आएंगे।
इस कड़ी में निगम द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों से बात भी की जा रही है और बल्क में वाहन उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। वाहनों का उपयोग किए जाने पर प्रदूषण कम होने के साथ नगर निगम को एक और फायदा होने वाला है। प्रदूषण की वजह से हर नगर निगम द्वारा कार्बन क्रेडिट राशि जमा करवाई जाती है। प्रदूषण कम होने पर उस क्रेडिट को दूसरे शहरों को बेचा जा सकता है। बड़े शहर इस क्रेडिट को खरीदते हैं जिसकी राशि लाखों रुपए तक जाती है।