जिस पुजारी की मृत्यु हुई है, वे महाकाल मंदिर के पुजारी होने के साथ-साथ महाकाल ध्वज चल समारोह के अध्यक्ष भी थे. पिछले 6 दिनों से देवास के अमलतास हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा रहे थे। उनका बुखार ठीक नहीं हुआ, तब उन्हें कल ही उज्जैन के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, लेकिन रविवार सुबह उनकी मौत की दुखद खबर समाने आ गयी। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मंदिर में नहीं हो रहा नियमों का पालन
उज्जैन महाकाल मंदिर के पुजारी, पुरोहित कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन को अंधेरे में रखकर कई पुजारी, पुरोहित मंदिर में चल रहे अतिरूद्र अनुष्ठान में भी शामिल हो रहे हैं। शनिवार को मंदिर प्रशासन ने एक सहायक पुजारी और एक पुरोहित के खिलाफ केस दर्ज कराया है। दोनों का मंदिर में प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि सहायक पुजारी शैलेंद्र शर्मा और पुरोहित अजय शर्मा के परिवार में कुछ सदस्य कोरोना संक्रमित हैं। नियमानुसार दोनों को होम क्वारंटाइन में रहना था लेकिन दोनों पुजारी, पुरोहित मंदिर आ रहे हैं। यही नहीं मंदिर में चल रहे अतिरूद्र अनुष्ठान में भी शामिल हो रहे हैं। उनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की गई है।
पहले भी हो चुकी है पुजारी की मौत
महाकाल मंदिर के पुजारी का कोरोना संक्रमण के चलते 10 अप्रैल को निधन हो गया था. वह कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, जिसके बाद उन्हें इंदौर के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी जान भी बचायी नहीं जा सकी। इन दिनों महाकाल की नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर में जहां कोरोना संक्रमण से दुनिया को निजात दिलाने के लिए 11 दिवसीय महामृत्युंजय जाप चल रहा है। यहां 70 से ज्यादा पंडे पुजारी दिन-रात जाप कर रहे हैं।