उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। आखिरकार फिर एक बार पतंग उड़ाने वाले प्रतिबंधित चाइनीज धागे ने एक युवती की जान ले ली, हादसा उज्जैन में हुआ, जहां 20 साल की छात्रा का चाइनीज मांझे से गला कट गया। हादसा उस वक़्त हुआ जब छात्रा, ममेरी बहन को लेकर एक्टिवा से जा रही थी। जीरो पॉइंट ब्रिज पर गर्दन से मांझा उलझ गया। मौके पर ही छात्रा की मौत हो गई।
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घटना के बारे में बताया जा रहा है कि नेहा जो कि महिदपुर तहसील के नारायणा गांव की रहने वाली है। उज्जैन में मामा के यहां पढ़ाई करने आई थी। शनिवार को नेहा अपने मामा की बेटी के साथ एक्टिवा में कही जा रही थी इसी दौरान नेहा गाड़ी चलाते समय अचानक चाइनीज माँझे की चपेट में आ गई माँझा उसके गले में फंस गया और ब्लेड की धार की तरह पतले माँझे ने नेहा के गले की नस कुछ सेकंडस में ही काट दी, जिससे नेहा की मौके पर ही मौत हो गई, हालांकि मौत से पहले नेहा मौके पर छटपटाती रही लेकिन उसकी मदद की कोई आगे नहीं आया, घटनास्थल पर खून फैल गया था। एक्टिवा भी खून से लाल हो गई। नेहा की मामा की बेटी को भी चोट आई है। लोग तमाशबीन बने रहे, तभी वहां से एडवोकेट रविंद्रसिंह सेंगर निकले तो उन्होंने छात्रा को अपनी कार में पाटीदार अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक नेहा दम तोड़ चुकी थी।
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देश में चाइनीज मांझे को प्रतिबंधित किया गया है और हर साल कई हादसे इस माँझे की वजह से होते है लेकिन उसके बावजूद भी लोग मानते नहीं है, ब्लेड की धार की तरह खतरनाक चाइनीज मांझा अन्य मांझों की तरह धागों से नहीं बनता। यह नायलॉन और एक मैटेलिक पाउडर से मिलकर बनाया जाता है। यह प्लास्टिक के जैसा लगता है और स्ट्रेचेबल होता है। ऐसे में जब इसे खींचते हैं तो यह टूटने के बजाय बढ़ जाता है। फिलहाल देश में प्रतिबंध के बावजूद इसे बेचा जाता है और संक्रांति के मौके पर इसे खरीदकर पतंग उड़ाई जाती है।