MP Board Exam 2023 : शनिवार से मध्य प्रदेश में पांचवीं व आठवीं की बोर्ड परीक्षा प्रारंभ हुई और पहले ही दिन कई केंद्रों पर अनियमितताएं देखी गई। राज्य शिक्षा केंद्र की 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा में अव्यवस्थाओं का आलम रहा। कहीं नोटिस बोर्ड पर सही जानकारी नहीं मिली तो कहीं बैठने की ठीक व्यवस्था नहीं थी। कई स्थानों पर तो 9:30 बजे तक छात्रों को कॉपी ही नहीं मिली। इस कारण कई मासूम निराश होकर रोते बिलखते भी नजर आए।
उज्जैन के शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला उन्हेल में तो अव्यवस्थाओं का अंबार लग गया। ना कोई नोटिस बोर्ड चस्पा किया गयटा जिसे देखकर बच्चे परीक्षा कक्ष में जा सके, ना ही बैठने की ठीक व्यवस्था थी। सुबह साढ़े नौ बजे तक भी बच्चों को अपने कक्ष नहीं मिले और इस अव्यवस्था के बीच बच्चों को बिना रोल नंबर से ही बिठा दिया गया। रोल नंबर और परीक्षा कक्षा नहीं मिलने से कई बच्चे रोते बिलखते रहे।केंद्राध्यक्ष और जिम्मेदारों से जब इस बारे में बात करने की कोशिश की तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि हमारे पास संख्या अधिक है और बैठने की व्यवस्था नहीं है। स्कूलों की इस लापरवाही का सीधा असर बच्चों पर पड़ा है। इस घटना के बाद अभिभावकों में रोष है और वो सवाल कर रहे हैं कि अगर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
पांचवीं व आठवीं की बोर्ड परीक्षा 25 मार्च से लेकर 3 अप्रैल तक चलेंगीं। इसे लेकर राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा पहले ही कई निर्देश जारी किए गए थे जिनमें कई नियमों में बदलाव भी किया गया है। परीक्षा की गतिविधियों से जुड़े नियम भी सख्त हुए हैं। अनुचित साधनों और सामग्रियों से नकल करते हैं तो परीक्षार्थी के पकड़ने पर उनके खिलाफ प्रकरण तय किया जाएगा। पर्यवेक्षकों को अपनी टिप्पणी लिखना अनिवार्य होगा। उत्तर पुस्तिका को जब्त कर पर्यवेक्षकों केंद्र अध्यक्ष को प्रकरण सौंपना अनिवार्य होगा। केंद्र अध्यक्ष इसकी जांच करेंगे। वहीं निजी स्कूल में पांचवी और आठवीं के परीक्षा के दौरान सरकारी स्कूल के शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन इन नियमों का पालन तो बाद की बात है..अगर बच्चों के लिए रोल नंबर के आधार पर बैठने का स्थान ही तय नहीं हो और उन्हें नीचे बैठकर परीक्षा देनी पड़े..तो इन सारी कवायदों का क्या अर्थ है।