Ujjain Crime News: उज्जैन में चल रहे कार्तिक मेले में एक युवक की हत्या किए जाने की घटना सामने आई है। युवक ने अपनी बहन पर कमेंट कर रहे कुछ आरोपियों को ऐसा ना करने के लिए कहा था। युवक की बात से नाराज आरोपियों ने उसके सीने में चाकू घोंप दिया और फरार हो गए। बताया जा रहा है कि हमलावरों की संख्या 20 से 25 थी। इस घटना के विरोध में युवक के परिजनों और हिंदूवादी संगठन ने शव घटनास्थल पर रखकर चक्काजाम भी किया और झूले में तोड़फोड़ भी कर दी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मेला बंद
करवा दिया है।
यह युवक आगर का रहने वाला था और बुधवारिया में रहने वाली अपनी मौसी के यहां आया हुआ था। परिवार में एक बच्चे का बर्थडे था इसलिए दूसरे रिश्तेदार भी आए हुए थे। परिवार साथ में घूमने के लिए कार्तिक मेला पहुंचा था। यहां पर नाव वाले झूले में कुछ युवकों ने एक युवती पर कमेंट करते हुए छेड़छाड़ शुरू कर दी। युवक ने जब उन्हें कमेंट करने से रोका तो लड़ाई झगड़ा शुरू हो गया।
वहां मौजूद परिवार के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस चौकी पर पदस्थ पुलिसकर्मी परिवार के लोगों को रिपोर्ट लिखवाने के लिए अपने साथ लेकर गए। इसी बीच आरोपियों ने युवक को अकेला देखकर घेर लिया और उसके सीने में चाकू घोंप कर मौत के घाट उतार दिया। चाकू का वार सीधा युवक के दिल पर लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। परिवार वालों का कहना है कि पुलिस ने हमलावरों को नहीं पकड़ा है। हमें रिपोर्ट लिखने के बहाने थाने ले जाया गया और इसी बीच दीपू की हत्या की गई है। थाने पर घटना की जानकारी दे ही रहे थे तभी एक पुलिसकर्मी ने मोबाइल पर फोटो दिखाया और हमें पता चला कि यह दीपू है जिसकी हत्या हो गई है।
इस मामले में महाकाल थाना पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश की जा रही है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। उसने यह भी कहा कि विवाद के दौरान ही युवक को चाकू लग गया था और वह गिर गया था। पुलिस ने ये भी कहा कि परिवार रिपोर्ट लिखवाने के लिए आ गया था। जब हमारे 1 जवान ने युवक को पड़ा हुआ देखा तो अस्पताल भिजवाया। हत्या के मामले में जांच की जा रही है और झूलेवालों से पूछताछ करने के साथ सीसीटीवी भी देखे जा रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है जब कार्तिक मेले में इस तरह की घटना देखी गई हो। इससे पहले भी एक युवक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। भैरवगढ़ के रहने वाले इस युवक को पेट में और सीने में चाकू मारे गए थे। कार्तिक मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमेशा से ही सवाल खड़े होते हैं। इसके पहले मारपीट की घटना भी हो चुकी है। शासन द्वारा हर बार पुख्ता प्रबंध का दावा किया जाता है लेकिन घटना के बाद इन दावों की पोल खुलती दिखाई देती है।