उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में इन दिनों अलग-अलग क्षेत्रों में विकास देखा जा रहा है। लंबे समय से की जा रही ग्रीन कॉरिडोर की कवायद पूरी होने जा रही है और इसे मंगलनाथ क्षेत्र (Mangalnath) में विकसित किया जाएगा। खास बात यह है कि ये ग्रीन कॉरिडोर नीम के पेड़ों से तैयार किया जाने वाला है। मंगलनाथ क्षेत्र में 1 किलोमीटर तक नीम के पौधे लगा दिए गए हैं। जिससे बेहतरीन स्वास्थ्य के साथ लोगों को गर्मी से भी राहत मिलेगी।
यह नीम ग्रीन कॉरिडोर (Neem green corridor) खाक चौक से लेकर मंगलनाथ मंदिर के बीच बनाया गया है। पहले चरण में यहां 51 पौधे रोप दिए गए हैं और दूसरे चरण में 100 से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे। शनिवार से ही काम की शुरुआत कर दी गई है और सड़क के दोनों और नीम के पौधे लगाए गए हैं।
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इस नीम ग्रीन कॉरिडोर को तैयार करने में पर्यावरण प्रेमी परिवार और पर्यावरण संरक्षण गतिविधि महानगर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इससे जुड़े लोगों का कहना है कि जल्द ही 101 पौधे अगले महीने की शुरुआत में लगाए जाएंगे। इन दिनों पर्यावरण के प्रति लोगों में काफी जागरूकता आई है और उज्जैन में पौधारोपण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है।
नीम ग्रीन कॉरिडोर की खासियत को पर्यावरण के लिहाज से देखें तो इस कॉरिडोर में अन्य स्थानों की तुलना में गर्मी कम रहेगी। यहां तापमान 2 से 3 डिग्री कम रहेगा जिससे राहगीरों को राहत का अहसास होगा। नीम का पेड़ एवरग्रीन होता है और यह एक नेचुरल प्यूरीफायर है जो हवा को साफ करता है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।