Pandit Mishra In Ujjain: पंडित प्रदीप मिश्रा ने महाकाल की दर्शन व्यवस्था पर किया कटाक्ष, उधर कथावाचक से मिलने पहुंची भीड़ हुई बेकाबू

Diksha Bhanupriy
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Pandit Mishra

Pandit Mishra On Mahakal: इस समय उज्जैन में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा चल रही है जिसका आज आखिरी दिन है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव महापुराण का रसपान करने के लिए कथा स्थल पर पहुंच रहे हैं। बीते 1 हफ्ते में लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंच चुके हैं जिन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन भी किए हैं।

इसी बीच अपनी कथा के दौरान कथावाचक मिश्रा को महाकालेश्वर की दर्शन व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए देखा गया। वह कहते नजर आए कि व्यवस्थापकों को यह सुन लेना चाहिए कि उन्हें हजारों किलोमीटर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को ढंग से दर्शन करवाने चाहिए।

महाकाल व्यवस्था पर Pandit Mishra का कटाक्ष

शिव महापुराण की कथा के दौरान महाकालेश्वर मंदिर के बारे में बात करते हुए कथावाचक ने कहा कि मंदिर में दर्शन व्यवस्था संभालने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को यह याद रखना चाहिए कि उन्हें बाबा महाकाल ने श्रद्धालुओं को सरल और सुलभ दर्शन करवाने का मौका दिया है।

जो लोग हजारों किलोमीटर दूर की यात्रा तय कर बाबा के दर्शन करने के लिए आते हैं उन्हें पल भर के लिए भी भगवान को निहारने का मौका ना देना गलत बात है। उन्होंने कहा कि दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु देवाधिदेव महाकाल की एक झलक को आतुर रहते हैं ऐसे में उन्हें धक्का-मुक्की करने की बजाय आराम से दर्शन करने दें क्योंकि बाबा महाकाल सब देख रहे हैं।

 

देखने मात्र से हो जाता है जलाभिषेक

इस दौरान उन्होंने कथा में मौजूद भक्तों को यह भी समझाया कि अगर आपको बाबा महाकाल को जल अर्पित करने का मौका नहीं मिल रहा है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि शिव महापुराण में यह लिखा है कि अगर भोले का दर्शन दूर से हो रहा है और आप जलाभिषेक नहीं कर पा रहे हैं। तो ऊपर जो जलाधारी बंधी है उस से प्रवाहित जल को अगर आपने देख भी लिया है तो समझ लीजिए कि भगवान का अभिषेक अपने आप हो गया है।

अभी क्यों बदली गई व्यवस्था

प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण की कथा में लाखों श्रद्धालु धर्म नगरी उज्जैन पहुंच रहे हैं। ऐसे में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से दर्शन की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। शीघ्र दर्शन टिकट को ऑफलाइन बंद कर ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दिए गए हैं, जो कहीं ना कहीं श्रद्धालुओं को परेशान कर रही है।

समिति को इस व्यवस्था का प्रयोग करना था तो बाद में भी किया जा सकता था। लेकिन ऐसे समय में जब लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में पहुंच रही है नई व्यवस्था लागू कर देना कहीं ना कहीं श्रद्धालुओं के लिए परेशानी खड़ी करने के बराबर है।

कथा में देखी गई मारपीट

श्रद्धालुओं के परेशान होने का का आलम सिर्फ मंदिर परिसर तक ही सीमित नहीं है बल्कि पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में भी उनकी आयोजन समिति की ओर से जो महिला बाउंसर रखी गई है उसे स्थानीय महिला पुलिसकर्मी के साथ वाद-विवाद करते हुए देखा गया। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि जिन लोगों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यहां पर रखा गया था वह जब आपस में ही एक दूसरे का सहयोग नहीं कर पा रहे हैं तो जनता का सहयोग क्या करेंगे।

होटल पहुंची जनता

कथा करने के लिए उज्जैन पहुंचे पंडित प्रदीप मिश्रा और उनके परिवार के लोगों के लिए उज्जैन की सॉलिटेयर होटल में रुकने की व्यवस्था की गई है। जब श्रद्धालुओं को यह पता पड़ा कि वह कहां पर रुके हुए हैं तो बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने के लिए होटल पहुंचने लगे। जिस वजह से भीड़ बेकाबू हो गई। परिचितों से परेशान होकर आयोजक भी मौके से चले गए। जब होटल प्रबंधन इससे परेशान हो गया तो स्थानीय थाने को सूचना दी गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्था को संभाला।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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