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Mon, Dec 15, 2025

Automatic Weather Station: डेढ़ साल से लंबित है महाकाल क्षेत्र में वेदर स्टेशन लगाने का काम, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

Written by:Diksha Bhanupriy
Automatic Weather Station: डेढ़ साल से लंबित है महाकाल क्षेत्र में वेदर स्टेशन लगाने का काम, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

Automatic Weather Station: ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन एक ऐसी चीज है जो मौसम से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराता है। इसकी मदद से आंधी तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की सूचना मिलती है। महाकाल मंदिर क्षेत्र में भी इसे लगाए जाने वाला है, लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही का नतीजा यह है कि पिछले डेढ़ साल से अब तक इसके लिए जगह आवंटित नहीं हो सकी है।

मौसम विभाग द्वारा काफी समय पहले दो साइट का चयन किया जा चुका है और जगह आवंटित करने के लिए रिमाइंडर भी भेजा गया है। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है और काम जस का तस रुका हुआ है।

अब तक नहीं लगा Automatic Weather Station

महाकाल लोक में आंधी चलने की वजह से जो घटना हुई है उसे देखते हुए मौसम विभाग द्वारा जिला प्रशासन को दोबारा रिमाइंडर भेजा गया है। इतना ही नहीं विभाग के अधिकारी भोपाल से जल्द ही उजैन आकर इस मुद्दे पर जिला प्रशासन से चर्चा करने वाले हैं। इस मामले में सभी जिम्मेदारों ने मौन सधा हुआ है और कोई भी इस मामले से संबंधित जानकारी देने में कतरा रहा है।

2022 में चुने थे स्थान

आईएमडी ने औद्योगिक और टूरिस्ट स्पॉट वाले शहरों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगाने को मंजूरी दी थी। इसके पहले चरण में 400 शहरों में इस स्टेशन को लगाया जाना है, जिनमें उज्जैन का नाम भी शामिल है। स्टेशन लगाने के लिए मौसम विभाग भोपाल की टीम 2022 को महाकाल मंदिर परिसर में भ्रमण के लिए भी आई थी।

टीम द्वारा मंदिर क्षेत्र के दो स्थानों का चयन वेदर स्टेशन लगाने के लिए किया गया था। जिनमें से एक रुद्र सागर के पीछे और दूसरा चार धाम पार्किंग के पश्चिमी हिस्से से 200 मीटर की दूरी पर था। स्टेशन को लगाने के लिए 225 स्क्वायर मीटर की खुली जगह चाहिए रहती है और मामला पूरी तरह से जिला प्रशासन के अधिकार में है।

ऐसे में अगर टीम द्वारा स्थान बता दिए गए थे, तो जिला प्रशासन को जगह स्वीकृत कर तुरंत ही वेदर स्टेशन यहां पर लगवाने थे। लेकिन इस काम की अब तक कोई भी सुध नहीं ली गई है।

ऐसा होता है वेदर स्टेशन

वेदर स्टेशन की बात करें तो ये एडवांस टेक्नोलॉजी से पूरी तरह ली होता है जिसके जरिए वायुमंडल के मैकेनिक से संबंधित जानकारी मिलती है। इसके जरिए 10 और 40 फीट की ऊंचाई पर हवा किस गति से चल रही है और किस दिशा की ओर जा रही है, इसकी जांच की जा सकती है। स्टेशन की सहायता से आपातकालीन स्थितियों की सूचना पूर्व में ही मिल जाती है जो आपदा प्रबंधन के लिए लाभदायक साबित होती है और पहले से तैयारी की जा सकती है। पूर्व सूचना के आधार पर की गई तैयारी के चलते हादसे और दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है।