महाकाल के भक्तों को चूना लगा रहे हैं ठग, होटल बुकिंग के नाम पर की जा रही है ऑनलाइन ठगी

Diksha Bhanupriy
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Ujjain Crime News: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) दुनिया भर के भक्तों की आस्था का केंद्र है। बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु बाबा महाकाल के दरबार में मत्था टेकने के लिए आते हैं। महाकाल लोक (Mahakal Lok) के लोकार्पण के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा भी हो गया है। इसी बीच ठग भी सक्रिय हो गए हैं और श्रद्धालुओं को चूना लगाते दिखाई दे रहे हैं।

हाल ही में उड़ीसा के दर्शनार्थियों के साथ होटल में कमरा बुकिंग के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। श्रद्धालु ने कमरा बुक करने के लिए ऑनलाइन 9000 रुपए का पेमेंट किया था लेकिन जब वो उज्जैन पहुंचे तो पूरे मामले की जानकारी लगी। महाकाल लोक को देखने के लिए बढ़ती भक्तों की संख्या को देखते हुए ठगों ने फर्जी वेबसाइट और फर्जी मोबाइल नंबर के आधार पर होटल में कमरा बुकिंग के नाम पर ठगी करने का नया तरीका निकाला है। उड़ीसा के दर्शनार्थी ने महाकाल पुलिस को शिकायती आवेदन में अपने साथ हुई ठगी की जानकारी दी है।

उड़ीसा के 60 वर्षीय प्रोफेसर देवदत्त ने पुलिस को बताया कि उज्जैन दर्शन करने आने से पहले उन्होंने ठहरने के लिए होटल के बारे में जानकारी गूगल से निकाली थी। यहीं से उन्हें भक्त निवास नामक एक वेबसाइट दिखी, इस पर एक नंबर दिया हुआ था जिस पर उन्होंने कॉल किया। फोन पर उस व्यक्ति ने कमरे बुक करने के लिए 9 हजार ऑनलाइन डलवा लिए। इसके बाद जब प्रोफेसर ने दो अलग-अलग कमरे लेने की बात कही तो व्यक्ति ने कहा कि 4500 रुपए एक कमरे के लगेंगे पहले जो 9000 डाले थे वो उज्जैन आने पर वापस लौटा दिए जाएंगे। प्रोफेसर को उक्त व्यक्ति की बात पर संदेह हुआ इसलिए उन्होंने वापस से रुपए नहीं डालें। इसके बाद जब वह उज्जैन पहुंचे तो उन्हें अपने साथ हुई ठगी की जानकारी लगी। जानकारी लगते ही वह महाकाल थाने पहुंचे और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

यह पहली बार नहीं है जब महाकाल दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ठगी की गई हो। इससे पहले भी होटल बुकिंग के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगा जा चुका है। सावन के महीने में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। इस दौरान महाकाल मंदिर प्रशासन की टूटी हुई धर्मशाला के नाम पर बदमाशों द्वारा ठगी की गई थी। हालांकि, इस तरह के मामले में अब तक पुलिस के हाथ ठग नहीं लगे हैं बस शिकायती आवेदन लेकर खानापूर्ति कर दी जाती है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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