Mahakal Sawari: विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार से आज सावन की चौथी सवारी निकलने वाली है। एक बार फिर अवंतिका नाथ अपने भक्तों का हाल-चाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। बाबा के दर्शन को आतुर भक्त भी पलक पांवड़े बिछाकर उनका स्वागत करेंगे। आज सवारी है और सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं।
उमा महेश स्वरूप में दर्शन
इस बार बाबा महाकाल पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मन महेश, गरुड़ पर शिव तांडव और नंदी पर उमा महेश के रूप में दर्शन देने निकलेंगे। बाबा महाकाल की सवारी का क्रम जैसे-जैसे बढ़ता है। उसमें निकलने वाले बाबा के स्वरूप का क्रम भी बढ़ता चला जाता है। बाबा के सभी स्वरूप भक्तों का मन मोह लेते हैं।
लोक संस्कृति की झलक
इस बार बाबा महाकाल की सवारी में बैंड बाजे और भजन मंडलियों के साथ अलग-अलग जनजाति के कलाकार भी प्रस्तुति देते दिखाई दे रहे हैं। इस बार धार के जनजाति कलाकार अपने पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति देते हुए दिखाई देंगे। भोलेनाथ की भक्ति के साथ सवारी में इस बार लोक संस्कृति का रंग बढ़ चढ़कर देखने को मिल रहा है।
पारंपरिक मार्ग से निकलेगी सवारी
हर बार की तरह इस बार भी सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करने के बाद शाम 4 बजे सवारी निकालना प्रारंभ होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बलों के टुकड़ी बाबा को सलामी देगी। इसके बाद सवारी अपने परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्शी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से अभिषेक पूजन के बाद सवारी का सिलसिला फिर शुरू होगा। जो दानी गेट, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुनः मंदिर पहुंचेगी।
भस्म आरती में राज स्वरूप
सावन का सोमवार होने की वजह से बाबा महाकाल के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। आज भस्मारती में बाबा का पंचामृत अभिषेक करने के बाद भांग, चंदन, सूखे मेवे और आभूषणों से महाकाल का राजा स्वरूप श्रृंगार किया गया। तकरीबन 10000 लोगों ने भस्म आरती में दर्शन किए। दिन भर दर्शन का ये सिलसिला चलता रहेगा।