उज्जैन।
सत्ता में आने के बाद से ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार बिजली कटौती को लेकर घिरी हुई है।हालांकि सरकार द्वारा लगातार दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में पर्याप्त बिजली है, लेकिन दावों की पोल समय समय पर मंत्रियों-विधायकों के कार्यक्रमों में ही खुल रही है। ताजा मामला उज्जैन से सामने आया है, जहां जिले के प्रभारी मंत्री ने जैसे ही माइक पर बोलने शुरु किया और दो बार बत्ती गुल हो गई।इसको लेकर मंत्री जी खासे नाराज हो गए ।कार्यक्रम में अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही इसकी खबर बिजली कंपनी को लगी उन्होंने तत्काल दो अफसरों को निलंबित कर दिया।
दरअसल, मामला नगर निगम की ओर से इंदौर रोड स्थित होटल इम्पीरियल में आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत हुए निकाह सम्मेलन का है। सम्मेलन में 25 जोड़ों ने निकाह पढ़ एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का वचन दिया।इस मौके पर नवदंपतियों को आशीर्वाद देने जिले के प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा पहुंचे थे, दोपहर 1.50 बजे जैसे ही वे भाषण देने के लिए उठे तो बिजली बंद हो गई। इससे वे नाराज हो गए। प्रशासनिक अफसरों ने विद्युत के वैकल्पिक इंतजाम स्वरूप जनरेटर से लाइट चालू कराई। बिजली आई और फिर मंत्री ने डायस पर आकर माइक पर बोलना शुरू किया ही था कि 2 मिनट में फिर बत्ती गुल हो गई। उन्होंने फिर बगैर माइक के ही भाषण दिया।
इस पूरे घटनाक्रम पर स्थानीय नेताओं ने खूब नाराजगी व्यक्त की और बिजली कंपनी को फोन लगाकर लापरवाहों पर कार्रवाई करने की बात कही। इसका असर ये हुआ कि करीब घंटेभर बाद ही मप्र बिजली वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री आशीष आचार्य ने इस लापरवाही के लिए उच्च दाब पूर्व शहर संभाग के सहायक यंत्री रविकांत मालवीय और वरिष्ठ परीक्षण सहायक विजयकुमार निगम को निलंबित कर दिया।वही मंत्री ने अधिकारियों से जवाब तलब करने की बात कही ।
बता दे कि यह पहला मौका नही है। इसके पहले भी कई मंत्रियों और विधायकों की सभा और कार्यक्रमों में बत्ती गुल हो चुकी है। इसके चलते कई अधिकारी- कर्मचारी भी निलंबित और बर्खास्त किए जा चुके है, बावजूद इसके स्थिति जस की तस बनी हुई है।