सीएम योगी और संत योगी दिखेंगे प्रयागराज महाकुंभ 2025 में एक साथ, तैयार हो रहा नाथ संप्रदाय का अखाड़ा

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में एक नई और अनोखी तस्वीर देखने को मिलेगी, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने संत रूप में नाथ संप्रदाय के अखाड़े में उपस्थित होंगे। इस महाकुंभ में पहली बार एक मुख्यमंत्री न केवल प्रशासनिक भूमिका निभाएंगे, बल्कि आध्यात्मिक रूप में भी साधु-संतों के बीच शामिल होंगे।

Bhawna Choubey
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Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025, का आकर्षण इस बार भी उतना ही आकर्षक और भव्य होने जा रहा है, जितना कि हर बार होता है। इस बार महाकुंभ मेले के आयोजन के दौरान कुछ चीजें ऐसी भी देखी जा सकती है, जो शायद इससे पहले होने वाले महाकुंभ मेले में नहीं दिखाई दी।

सेक्टर नंबर 18 में बन रहा नाथ संप्रदाय का विशेष अखाड़ा सभी की नजरों का केंद्र बन गया है। आपको बता दें, ये अखाड़ा किसी और का नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है।

अखाड़े में सीएम योगी की डबल भूमिका

इस अखाड़े में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ना केवल साधु संतों की परंपरा निभाते हुए नजर आएंगे, बल्कि राज्य सरकार की जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करेंगे। अखाड़े के बाहर नाथ संप्रदाय के प्रमुख संतो जैसे कि रामनाथ और बालकनाथ के साथ योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी लगी हुई नजर आएंगी। सुरक्षा इतनी कड़क है, कि बिना अनुमति के किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, जिससे कि अखाड़े का माहौल सुरक्षित और अनुशासित रह सके।

प्रयागराज महाकुंभ 2025 की सेक्टर नंबर 18 में स्थित नाथ संप्रदाय का अखाड़ा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति के कारण और भी खास बन गया है। इस अखाड़े में मुख्यमंत्री दो भूमिका निभाते नजर आएंगे पहली साधु के रूप में नाथ संप्रदाय की कर्तव्यों का पालन और दूसरी उत्तर प्रदेश सरकार के संचालन की जिम्मेदारी।

12 जनवरी को CM योगी आदित्यनाथ पहुंचेंगे प्रयागराज

इसी के चलते 12 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयागराज पहुंचेंगे, जहां उनके द्वारा अखाड़े में ध्वजारोहण का आयोजन किया जाएगा। आपको बता दें, संगम गंगा स्नान घाट से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर रहेगा यह अखाड़ा, जो कि इस बार अपने आध्यात्मिक और प्रशासनिक दोनों दृष्टियों से एक ऐतिहासिक केंद्र बनने जा रहा है।

अब तक आपने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अखाड़े के बारे में तो जान लिया, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि इस अखाड़े के चारों ओर एक खास चीज की तैयारी की गई है, जी हां और वह है टेंट सिटी।

टेंट सिटी क्या है ?

टेंट सिटी जो कि किसी सपनों के नगर से कम नहीं लगती है। इस जर्मन तकनीकी से बनी भव्य और विशाल टेंट सिटी ने मानो जैसे, श्रद्धालुओं के लिए एक छोटा सा स्वर्ग तैयार कर दिया हो।

अब आपके मन में जरूर यह सवाल आया होगा, कि आखिर इस टेंट सिटी में ऐसा क्या खास है, तो थोड़ा रुकिए हम धीरे-धीरे आपको टेंट सिटी के बारे में सब कुछ बताएंगे।

टेंट सिटी की क्या है विशेषताएं?

इस इट टेंट सिटी के अंदर करीबन 70 से अधिक टेंट लगाए गए हैं, इस टेंट सिटी के अंदर प्रयागराज के बीच होने के बावजूद भी लोगों को हिल स्टेशन जैसा महसूस होगा। इस टेंट सिटी का सबसे बड़ा फायदा यह है, की बारिश हो या कड़ाके की सर्दी, मौसम चाहे कैसा भी हो यहां रहने वालों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इतना ही काफी नहीं है टेंट सिटी में और भी चीज ऐसी हैं जो आपको हैरान कर सकती हैं, जैसे टेंट सिटी के अंदर लाइटिंग फिटिंग सुरक्षा व्यवस्था तीन लेयर की रहेगी, एयर कंडीशनर, टीवी आदि होंगे । इस तरह की आधुनिक सुविधाओं से घिरी यह टेंट या डोम सिटी इस बार महाकुंभ 2025 में आकर्षण का केंद्र बनेगी।

नाथ अखाड़े में सीएम योगी की सभा और बैठक

सेक्टर नंबर 18 में स्थित नाथ संप्रदाय के अखाड़े में एक अनोखा माहौल देखने को मिलेगा। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नाथ संप्रदाय के संतों की विशेष सभाओं को संबोधित करेंगे और संप्रदाय के आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा भी तय करेंगे।

महाकुंभ मेले में बनाए गए अखाड़े के आसपास डोम में मुख्यमंत्री प्रदेश के अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे। नाथ परंपरा के अनुसार धूनी जलाई जाएगी जिसके चारों ओर संत महात्मा तपस्या में लीन होंगे।

 संतों को क्यों CM योगी से मिलने के लिए नहीं लेनी पड़ती अनुमति?

आपको बता दें, नाथ संप्रदाय की परंपरा और मान्यताएं अपने आप में बेहद ही खास है। ऐसा कहा जाता है, कि इस संप्रदाय से जुड़े संतों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना बहुत ही आसान होता है, क्योंकि इन्हें मुख्यमंत्री से मिलने के लिए किसी से भी अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन उनके कानों में नाथ संप्रदाय की पहचान मानी जाने वाली बाली डली होनी चाहिए। नाथ संप्रदाय के वरिष्ठ संत बताते हैं, कि संप्रदाय सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए माने जाते हैं, और इन्हें शिव परिवार का माना जाता है।

नाथ संप्रदाय के संत की क्या है पहचान?

नाथ संप्रदाय के संत की यह पहचान होती है कि यह अपने कानों में कुंडल और हाथ में चिमटा धारण करते हैं। कहा आता है, कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल में बसते हैं।

महाकुंभ 2025 में मुख्यमंत्री के अखाड़े को लेकर न सिर्फ संतों में उत्साह है बल्कि आम लोग भी बहुत उत्साहित हैं। पहली बार ऐसा होगा कि मुख्यमंत्री संत के रूप में महाकुंभ में शामिल होंगे।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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