उज्जैन।
जिले में फैलते कोविड 19 संक्रमण के बीच अन्य संदिग्धों के इलाज के मामले में आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां वार्ड की ताले की चाबी नहीं मिलने की वजह से इलाज में हुई देरी के कारण एक महिला ने दम तोड़ दिया। वहीँ बड़नगर की महिला मरीज को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। किंतु समय पर उचित इलाज ना मिलने और वेंटिलेटर एवं डॉक्टर के अभाव में महिला की मौत हो गई।
दरअसल दानीगेट निवासी 58 वर्षीय महिला को गुरुवार को जिला अस्पताल के बाद देर रात माधव नगर अस्पताल भेजा गया जहां से उसे आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन मेडिकल कॉलेज में वोट के ताले की चाबी नहीं मिलने की वजह से कर्मचारी तारा तोड़ने लगें। 45 मिनट बाद ताला टूटने के बाद मरीज को वार्ड में भर्ती कराया गया। उससे पहले महिला की मौत हो चुकी थी। वहीं दूसरी तरफ गुरुवार की रात माधव नगर अस्पताल में भी दो कोरोना संदिग्ध मरीजों की मौत हो गई। जिसमें एक मरीज लकड़गंज तो दूसरा बड़नगर से थे। बड़नगर की महिला मरीज को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। किंतु समय पर उचित इलाज ना मिलने और वेंटिलेटर एवं डॉक्टर के अभाव में महिला की मौत हो गई। जिसके बाद लापरवाही सामने आने पर अस्पताल के प्रभारी और सिविल सर्जन आरपी परमार को पद से हटा दिया गया है।
इसी बीच शास्त्री नगर के एक 40 वर्षीय युवक को शुक्रवार को संदिग्ध हालत में निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां निजी अस्पताल वालों ने इलाज करने से मना कर दिया। जिसके बाद मरीज को माधवनगर अस्पताल ले जाया गया किंतु स्वास्थ्य अत्यधिक खराब होने की वजह से उसे इंदौर रेफर कर दिया गया। परिजन जब तक मरीज को लेकर एमवाय अस्पताल पहुंचे उसकी मृत्यु हो चुकी थी। अस्पताल में मृत 40 वर्षीय युवक का सैंपल भी लिया गया वहीं डॉक्टर कह रहे हैं कि युवक में कोरोना के लक्षण मिले हैं। हालांकि अभी रिपोर्ट आनी बाकी है जिसके बाद ही कुछ पुष्टि की जा सकती है।