विक्रम विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल में घुसे अनजान लोग, जमकर हुआ हंगामा, कलेक्टर तक पहुंचा मामला

Ujjain News: विक्रम विश्वविद्यालय (Vikram University) में छात्राओं को रहने के लिए हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। यहां के रमाबाई हॉस्टल में कुछ अज्ञात व्यक्तियों के प्रवेश के बाद जमकर हंगामा देखा गया। परेशान छात्राओं ने इस बात की सूचना विश्वविद्यालय के अधिकारियों को दी। तुरंत ही ये सूचना आदिम जाति कल्याण विभाग की वार्डन को दी गई। इसके बाद यह जानकारी सामने आई कि यह लोग हॉस्टल का निरीक्षण करने के लिए यहां पर पहुंचे हैं। हैरानी की बात यह है कि इस निरीक्षण के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं थी। बिना सूचना के कन्या हॉस्टल में इस तरह से लोगों के घुस जाने के मामला अब कलेक्टर तक पहुंच चुका है।

रमाबाई कन्या छात्रावास की छात्राओं ने जैसे ही कुछ अनजान लोगों के हॉस्टल में होने की सूचना दी उसके तुरंत बाद विश्वविद्यालय के अधिकारी मौके पर पहुंचे। तब तक यह चार से पांच लोग तीसरी मंजिल पर प्रवेश कर चुके थे। जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय के छात्रावास में आदिम जाति कल्याण विभाग की 60 छात्राएं रहती है और इसी विभाग से लोग यहां पर निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे।

आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अचानक निरीक्षण के लिए लोगों का आना हैरान कर देने वाली बात है। छात्रावास में किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं होती है और अगर कोई निरीक्षण किया जाने वाला होता है तो इसके बारे में पहले से जानकारी दी जाती है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं किया गया जिसके चलते मामला संदिग्ध दिखाई दिया।

छात्राओं ने की शिकायत

विश्वविद्यालय छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने ऊपरी विंग पर रहने वाली आदिम जाति कल्याण विभाग की छात्राओं पर कई तरह के आरोप भी लगाए हैं। अक्सर ही इन छात्राओं के बीच लड़ाई झगड़ा देखने को मिलता है। विश्व विद्यालय की छात्राओं का कहना है कि आदिम जाति विभाग की छात्राएं किसी भी नियमों का पालन नहीं करती है और हॉस्टल में लड़कों को भी ले आती हैं। इस वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी कई बार विभाग को लेटर लिखे जा चुके हैं।

2017 में किराए पर लिया था छात्रावास

आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के रमाबाई छात्रावास की ऊपरी विंग को साल 2017 में कुछ दिनों के लिए किराए पर लिया गया था। यहां पर लगभग 60 छात्राएं रह रही हैं और विभाग द्वारा किराया भी नहीं दिया गया है। किराए का भुगतान करने और छात्रावास खाली करने के संबंध में कई बार विभाग से संपर्क किया जा चुका है लेकिन कोई भी हल नहीं निकल रहा है।

विश्वविद्यालय में बढ़ रही छात्राओं की संख्या

पूरे मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे का कहना है कि विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। देशभर से छात्राएं यहां पढ़ने के लिए आ रही है लेकिन विश्वविद्यालय के हॉस्टल में जगह नहीं है, क्योंकि यहां पर आदिम जाति कल्याण विभाग की छात्राओं को ठहराया गया है। विश्वविद्यालय के छात्रावास की ऊपरी विंग को खाली कराए जाने की जरूरत है ताकि नई छात्राओं को यहां पर ठहराया जा सके।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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