Ujjain News: इतने समय तक चले विरोध के बाद आखिरकार विनोद मिल के रहवासियों ने शासन के अल्टीमेटम पर अपने घर खाली कर दिए। 160 परिवारों ने अपने सामान निकाल कर वैकल्पिक जगह पर ले जाना शुरू कर दिया है। पहले यह कहा जा रहा था कि प्रशासन को मकान खाली करवाने में मशक्कत करना होगी, लेकिन रहवासियों ने शांतिपूर्ण तरीके से खुद ही सामान निकालना शुरू कर दिया था। इस दौरान कुछ लोग खुद ही अपना घर तोड़ते दिखाई दिए और उन्होंने शासन से मोहलत मांगी। लंबे समय तक चले विवाद के बाद 525 करोड की ये जमीन अब शासन के अधीन आ चुकी है।
आज सुबह से ही विनोद मिल की चाल में रहने वाले रहवासियों से घर खाली करवाने के लिए भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था। लोग जब नींद से जागे तो प्रशासन का अमला घर खाली करवाने के लिए मौके पर मौजूद था। भारी व्यवस्था को देखते हुए रहवासियों ने विरोध नहीं किया और खुद ही अपना सामान बाहर निकालने लगे। मामले को लेकर एसडीएम संतोष टैगोर ने कहा कि रहवासी अपनी इच्छा से मकान खाली कर रहे हैं और इन्हें रहने के लिए सुरासा और महाकाल एवेन्यू में जगह दी गई है। सामान निकाल कर यह सभी नए घरों में शिफ्ट होंगे।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मामला
विनोद मिल 26 साल पहले बंद हो गई थी। इसके बाद यहां काम करने वाले मजदूरों ने अपना बचा हुआ वेतन और ग्रेच्युटी का पैसा पानी के लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी। 2019 में मजदूरों के हक में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बकाया राशि का भुगतान 4 फीसदी ब्याज के साथ करने के आदेश शासन को दिए थे। इसी के साथ शासन को मिल की 44.523 एकड़ जमीन का आधिपत्य भी दिया गया था। लोगों को बकाया राशि का भुगतान करने के बाद यहां रहने वाले 160 परिवारों को घर खाली करने का नोटिस दिया गया था। शुक्रवार को प्रशासन ने अनाउंसमेंट करवा कर घर खाली करवाना शुरू किया लेकिन रहवासी लगातार विरोध कर रहे थे। इसी को देखते हुए आज प्रशासन का अमला भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचा जिसे देखकर रहवासी मकान खाली करते दिखाई दिए।
525 करोड़ की है जमीन
शासन को जिस जमीन का अधिकार मिला है वह लगभग 525 करोड रुपए की है। यहां पर कॉलोनी, मॉल या फिर मार्केट बनाने के लिए खरीदारों को जितनी जमीन की आवश्यकता होगी उसे शासन द्वारा खाली करवा कर दिया जाएगा। इस जगह के विकास को देखते हुए आगरा रोड से हीरामिल को जोड़ने वाली एक फोरलेन सड़क पहले ही बनाई जा चुकी है।
रहवासी ने लगाई आग
विनोद मेल की चाल में रहने वाले रहवासियों का कहना है कि प्रशासन हमें यहां से बेदखल तो कर रहा है लेकिन इसके एवज में हमें मुआवजा नहीं मिला तो हम कहां जाएंगे। लोगों का कहना है कि शासन हमें जो विकल्प उपलब्ध करा रहा है वह एक कमरे का है। ऐसे में जिस घर में चार भाई एक साथ रहते हैं या परिवार बड़ा है उन लोगों का क्या होगा।
आज सुबह जब 160 परिवारों से घर खाली करवाने की कार्रवाई की जा रही थी। उसी बीच एक शख्स ने अपने घर में रखे घी को अपने ऊपर डालकर आग लगा ली और आत्मदाह का प्रयास किया। मौके पर मौजूद रहवासियों ने उसे तुरंत ही जिला अस्पताल पहुंचाया जहां उसका इलाज किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक संजय ठाकुर नामक यह व्यक्ति 10 से 15 प्रतिशत तक जला है और खतरे से बाहर है।