मध्य प्रदेश लगातार विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हालांकि, उमरिया में इसका उदाहरण देखने को धरातल पर नहीं मिल रहा है। बता दें कि यहां प्रधानमंत्री सड़क के पुल का निर्माण किया जा रहा है। लगातार 6 महीने से इसे बनाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन अभी तक यह बनकर तैयार नहीं हो पाया है। इस कारण जनजीवन की रफ्तार बिल्कुल थम सी गई है। पुल के बनने के चलते करीब एक दर्जन से भी अधिक गांव बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।
बता दें कि जिले के दर्जनों गांव को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली प्रधानमंत्री सड़क जनवरी में बनकर तैयार हो जाना था। हालांकि, अब अगस्त का महीना शुरू हो चुका है और अभी तक पुल के शुरू होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
बारिश में हो रही समस्या
बारिश का दौर जारी है। ऐसे में सभी नदी, नाले, बांध उफान पर है। पानी का स्तर बढ़ने पर लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि ग्रामीण लकड़ी की सीढ़ियों के सहारे आना-जाना पड़ता है। इससे वाहन चालक, स्कल जाने वाले बच्चों, बीमार व्यक्ति सभी को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अवधि पूरी होने के 6 महीने बाद की हालत आपके सामने है।
नहीं बनाया गया डायवर्सन रोड
खासबात ये है कि पुल निर्माण के दौरान आवागमन बहाल रखने डायवर्सन रोड नहीं बनाई गई, जिससे ग्रामीण लकड़ी की सीढ़ियों के सहारे जाने को मजबूर हो गए है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हुआ है। इसके बाद काम चलाऊ रोड बनी, लेकिन नदी की रफ्तार ने सड़क को बहा दिया। इस घटना से गांव से मुख्यालय से बीच एक बार फिर संपर्क टूट गया।
ग्रामीणों में रोष
वहीं, ठेकेदार इस मामले में भुगतान का रोना रो रहा है। इसके अलावा, विभाग के प्रमुख दो जिलों के प्रभारी इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहे। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पिछले 7 महीने से बहुत ही ज्यादा समस्या हो रही है। काफी मशक्कत के बाद वह अपनी मंजिल तक पहुंच पाते हैं। शिकायतों के बाद भी खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। गांव के लोग हर चीज के लिए शहरों पर आधारित है। ऐसे में वहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल भरा हो गया है। इससे सभी लोगों में भारी आक्रोश भी है।
उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव





