मध्य प्रदेश का उमरिया जिला मीडिया में चर्चा का विषय बना रहता है, कभी यहां चोरी डकैती के मामले सामने आते हैं, तो कभी प्रशासन की ओर से कोई अच्छी पहल की जाती है। हाल ही में जिले के सरकारी स्कूल के छत का प्लास्टर गिरने की खबर सामने आई थी, जिसमें दो छात्र जख्मी हो गए थे। एक बार फिर यह स्कूल लाइमलाइट में आ चुका है।
दरअसल, मामला कोयलरी गांव का है, जहां सरकारी स्कूल के छत का प्लास्टर गिरने से, कुछ दिन पहले ही, दो छात्र जख्मी हुए थे। एक बार फिर इस स्कूल में घोर लापरवाही देखने को मिली है।
क्लास रूम में चल रही रसोई
बता दें कि यहां स्कूल के एक ही कमरे में छात्र पढ़ाई करते हैं, और इस कमरे में गैस सिलेंडर से मध्यान भोजन पकाया जा रहा है। जिस क्लास रूम में रसोई चल रही है, इस क्लास रूम में बच्चे बैठकर पढ़ाई करते हैं। इसमें गलती ना तो शिक्षकों की मानी जा सकती है,ॉ और ना ही रसोइयों की, बल्कि इसकी जिम्मेदारी सिस्टम की है।
रसोई घर खंडहर में तब्दील
सूत्रों के अनुसार, स्कूल का रसोई घर खंडहर में तब्दील हो चुका है। ऐसे में जब बरसात का मौसम आता है, तो खुले में भोजन पकाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इस दौरान बहुत ही ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अन्य मौसम में खुले में भजन पकाया जाता है, लेकिन बरसात के मौसम में ऐसा हो नहीं पाता। छात्रों को भोजन देना जरूरी है, क्योंकि यह शासकीय उपक्रम है, जिसे बंद नहीं किया जा सकता।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
इस तरह की लापरवाही शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। पहले भी इस स्कूल में दुर्घटनाएं हो चुकी है। इसके बावजूद, प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, मामला सामने आने के बाद, जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष शशि गौतम ने मामले में गंभीरता दिखाई है। साथ ही स्कूल का निरीक्षण किया और जिम्मेदारों से रिपोर्ट लेने की भी बात कही है।
उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव





