मुख्यमंत्री और विभाग प्रमुखों के आदेशों को फील्ड में तैनात अधिकारी कितनी तबज्जो देते हैं उसका उदाहरण उमरिया में सामने आया है, यहाँ एक सरकारी स्कूल की छत का प्लास्टर क्लास में बैठे एक बच्चे की सिर पर गिर पड़ा जिससे वो घायल हो गया, खास बात ये है कि घायल बच्चे को अस्पताल में उनके परिजनों ने भर्ती कराया स्कूल स्टाफ लेकर नहीं गया।
मध्य प्रदेश में अतिवर्षा के चलते आदेश है कि किसी भी जर्जर या फिर खस्ताहाल सरकारी स्कूल में क्लास नहीं लगेंगी, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूल प्रमुख इस बात का ध्यान रखेंगे, उमरिया में पिछले दिनों जिला शिक्षा अधिकारी ने इस आशय का आदेश भी जारी किया था लेकिन इस घटना के बाद लगता है कि स्कूल प्रमुखों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
छात्र के सिर पर गिरा छत का प्लास्टर, लगी चोट
जानकारी के मुताबिक उमरिया जिले के कोयलारी गांव की प्राइमरी स्कूल में कक्षा 4 के एक कक्ष की छत का प्लास्टर छात्रों के ऊपर गिर पड़ा, प्लास्टर छात्र अंकित यादव के सिर पर गिरा जिससे उसे चोट लग गई और खून बहने लगा, उसे साथियों ने भागकर अंकित के परिजनों को इसकी सूचना दी जिसके बाद वे लोग उसे अस्पताल लेकर भागे और भर्ती कराया।
स्कूल स्टाफ नहीं परिजन अस्पताल लेकर भागे घायल बेटे को
अंकित की माँ अंजू यादव ने कहा मेरा बच्चा स्कूल में था क्लास में बैठा था इंटरवेल था तो बाकि बच्चे बाहर थे ये बैठा था इसके सिर पर छत का प्लास्टर गिर पड़ा जिससे चोट आई है उन्होंने कहा कि बच्चे के घायल होने की जानकारी स्कूल स्टाफ ने उन्हें नहीं दी मेरे बेटे का दोस्त ने घर आकर दी और ना ही स्कूल से कोई मेरे बेटे को अस्पताल लेकर आया , जबकि उन्हें आना चाहिए।
घायल छात्र को देखने अस्पताल पहुंचे शिक्षा विभाग के अधिकारी
छात्र के घायल होने की सूचना लगते ही डीपीसी केके डेहरिया और स्कूल स्टाफ अस्पताल पहुंचा और छात्र अंकित का हालचाल जाना, वे इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि घायल बच्चे को स्कूल स्टाफ ने अस्पताल क्यों नहीं पहुंचाया ? लेकिन ये जरुर कहते रहे कि मैं अस्पताल आया हूँ मैंने सीएम एच ओ सिविल सर्जन से बच्चे के बेहतर इलाज के लिए बात की है, बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।
जिले में ढाई सौ से ज्यादा ऐसे जर्जर स्कूल
बहरहाल इस बार पूरे मध्य प्रदेश में मानसून अधिक सक्रिय रहा है कई जिले अतिवर्षा से प्रभावित हुए हैं, उमरिया में भी बहुत बारिश हुई है, बता दें जिले में ढाई सौ से ज्यादा ऐसे जर्जर स्कूल चिन्हित किये गए हैं जिन्हें मरम्मत की दरकार है बाबजूद इसके मरम्मत नहीं हुई और अब अफसर बारिश का रोना रो रहे है।
उमरिया से बृजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट





