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Wed, Dec 17, 2025

पीएम जनमन आवास योजना में घोटाला, पुराने घरों को नया बताकर रकम खुर्दबुर्द, अफसरों की भूमिका पर सवाल

Written by:Atul Saxena
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जानकार सरकार के मॉनिटरिंग सिस्टम की आड़ में इसे भ्रष्टाचार का तरीका मानते है जिसमें पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक शामिल है।
पीएम जनमन आवास योजना में घोटाला, पुराने घरों को नया बताकर रकम खुर्दबुर्द, अफसरों की भूमिका पर सवाल

गरीबों और आदिवासियों के लिए केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार की कई योजनायें संचालित हैं जिससे सरकार उनका जीवन संवारना चाहती है लेकिन सरकारी अफसरों की भ्रष्टाचारी निगाहें उस रकम पर गढ़ जाती है और उसका बंदरबांट आपस में कर लेती है ऐसा ही एक मामला उमरिया से सामने आया है । 

उमरिया जिले के मानपुर जनपद अंतर्गत पिपरिया पंचायत के ग्राम बिलाई कॉप गांव में मध्य प्रदेश शासन द्वारा बैगा आदिवासियों के उत्थान के लिए शुरू की गई की पीएम जनमन आवास योजना में पुराने घर को नया बताकर सरकारी रकम को खुर्दबुर्द करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है,जब हितग्राहियों से बातचीत में गुनहगार तो सामने नहीं आया लेकिन पंचायत से जुड़े जिम्मेदारों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता।

पुराने मकानों को नया बताकर निकली राशि उसमें भी भ्रष्टाचार 

बैगा आदिवासी एक महिला शांतिबाई ने स्पष्ट कहा कि उसका घर तो बहुत पहले का बना हुआ है लेकिन उसे एक बार फिर बनाया जा रहा है इसके लिए उसे 1 लाख 40 हजार रुपये मिले हैं, उसने बताया कि पूरे गाँव में ऐसे ही पुराने मकानों को नया बनाया जा रहा है, छत, बीम डालकर उसे पक्का किया जा रहा है अब सवाल ये उठता है कि जब राशि 2 लाख रुपये स्वीकृत होती है और दावा है कि पूरी राशि हितग्राही के खाते में जाती है तो 60 हजार रुपये कहाँ गए ? यानि भ्रष्टाचार का खेल बेख़ौफ़ जारी है

जाँच कराने की बात कह रहे CEO , लेकिन गड़बड़ी कैसे ये नहीं पता 

आंकड़ों की बात करे तो जिले में पीएम जनमन के सर्वे में 17 हजार बैगा परिवारो की सूची में 14 हजार को पात्र मानते हुए जनमन आवास स्वीकृत किए गए थे जिसमें से साढ़े 6 हजार आवास पूर्ण हो चुके हैं  और शेष प्रगति में बताए जा रहे है मामला सामने आने पर जिला पंचायत उमरिया के सीईओ अभय सिंह ओहरिया असलियत जांचने की बात तो करते है,लेकिन गड़बड़ कैसे हुई इसका जवाब उनके पास नहीं।

सरकारी योजनाओं पर जमी है अफसरों की नजरें 

सरकार आदिवासियों के उत्थान के लिए उन्हें घर, पेयजल, शिक्षा स्वास्थ्य जैसी सुविधाएँ निःशुल्क दे रही है यानि ये सब सुविधाओं पर सरकार पैसा खर्च कर रही है लेकिन कुर्सी पर बैठे अफसर इसमें भी घोटाला कर रहे हैं,  पुराने घरों को नया बनाकर सरकारी मंशा को चूना लगाने का यह खेल कितनी गहराई तक है ये तो निष्पक्ष जांच से ही सामने आ सकता है देखना होगा सरकार के नुमाइंदे इसमें कितनी ईमानदारी दिखाते है ।

उमरिया से बृजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट