MP के उमरिया का ‘सेल्फ स्टडी कॉलेज’, जहां छात्र कर रहे सेल्फ स्टडी

दरअसल, मामला बिलासपुर तहसील में संचालित महाविद्यालय का है, जहां पर एक भी शिक्षक नहीं है। ऐसे में विद्यार्थी घर में ही सेल्फ स्टडी करने को मजबूर हैं।

मध्य प्रदेश (MP) सरकार द्वारा लगातार राज्य के विकास में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए तरह-तरह की योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इसके अलावा, शिक्षा व्यवस्था को तंदुरुस्त बनाने के लिए और अज्ञानता की कमी को दूर करने के लिए गांव-गांव स्कूल और महाविद्यालय खोले जा रहे हैं, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। लेकिन सुविधा और व्यवस्थाओं के मामले में उमरिया जिले में संचालित महाविद्यालय बहुत पीछे नजर आया है।

दरअसल, मामला बिलासपुर तहसील में संचालित महाविद्यालय का है, जहां पर एक भी शिक्षक नहीं है। ऐसे में विद्यार्थी घर में ही सेल्फ स्टडी करने को मजबूर हैं।

पूर्व CM ने दी थी सौगात

बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनाव होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छात्र-छात्राओं को बड़ी सौगात देते हुए महाविद्यालय की घोषणा की थी। इस बात को अब तक लगभग 2 साल पूरे हो चुके हैं। इसके बावजूद, यहां शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। इस महाविद्यालय में प्रिंसिपल का काम वाणिज्य के शिक्षक ही कर रहे हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।

भविष्य के साथ खिलवाड़

इस कॉलेज में कुल 58 छात्र पंजीकृत हैं, जिसमें बीएससी में 15, बीए में 43 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं, लेकिन यहां एक भी टीचर या फिर गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति नहीं की गई है। ऐसे में छात्र और छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षकों के अभाव के कारण यहां कक्षाएं नहीं संचालित होतीं और ना ही छात्रों को उचित मार्गदर्शन मिल पा रहा है। सभी नोट्स के सहारे पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। इस समस्या को लेकर छात्र और उनके अभिभावकों ने जिला प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग से गुहार लगाई है। इसके बावजूद, अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। इस तरह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

ट्यूशन का ले रहे सहारा

छात्र-छात्राओं का इस मामले में यह कहना है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि इस पर कोई ध्यान नहीं देते। ग्रामीण अंचल के विद्यार्थी इस कॉलेज में एडमिशन लेकर हायर एजुकेशन का सपना देखते हैं, लेकिन टीचर की कमी के कारण उनका यह सपना अधूरा रह जाता है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कुछ स्टूडेंट्स प्राइवेट ट्यूशन का सहारा ले रहे हैं, वहीं कुछ छात्र ऐसे हैं जिनके घर के हालात सही नहीं हैं। ऐसे में वह अपनी पढ़ाई जैसे-तैसे पूरी कर पा रहे हैं।

अभिभावकों ने कही ये बात

अभिभावकों का कहना है कि सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार कदम बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन उनके सभी दावे धरातल पर कमजोर नजर आ रहे हैं। अगर समय रहते शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई तो छात्रों को उच्च शिक्षा छोड़नी पड़ सकती है।

अग्रणी प्राचार्य ने कही ये बात

वहीं, कॉलेज के अग्रणी प्राचार्य विमल मरावी ने मामले में कहा कि पूरे जिले के कॉलेज में शिक्षकों को लेकर स्थिति बहुत खराब है। इसलिए हम शिक्षकों की व्यवस्था कॉलेज में नहीं करवा सकते। हालांकि, इस समस्या की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जा चुकी है। उनके संज्ञान में लेते ही इस मामले में आगे कोई भी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल, विद्यार्थी उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब कॉलेज में नियमित कक्षाएं शुरू होंगी।

उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News