उमरिया में एक घूसखोर पंचायत सचिव को फिर से ग्राम पंचायत में सचिव बनाकर भेजने से जिला पंचायत के सीईओ अभय सिंह ओहरिया सुर्खियों में आ गए है, घूसखोर सचिव को फिर से पंचायत की जिम्मेदारी दिए जाने पर कांग्रेस एन सवाल उठाये हैं, कांग्रेस ने इसकी जाँच की मांग की है।
ग्राम पंचायत पठारीकला में पदस्थ रहे सचिव रामू सोनी को दिसंबर 2024 में लोकायुक्त रीवा की टीम ने मृत्यु प्रमाण बनाने की एवज में एक गरीब आदिवासी बैगा से पांच हजार रुपए की घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया था और अभी मामला विचाराधीन ही है कि इसी बीच जिला पंचायत सीईओ के द्वारा उक्त सचिव को ग्राम पंचायत बड़ागांव में एक बार फिर मौका देते हुए उसकी पोस्टिंग कर दी गई है।
कांग्रेस ने जिला पंचायत सीईओ को लिया निशाने पर
पंचायत सचिव सोनी को बहाल कर फिर जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर सीईओ को कांग्रेस अध्यक्ष अजय सिंह ने निशाने पर लेते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है उधर सीईओ अभय सिंह ओहरिया नियुक्ति को वैध मानते हुए नियमानुसार कार्यवाही की बात कर रहे हैं।
भ्रष्ट पंचायत सचिव की नीयत पर लोगों को शक
कांग्रेस का सवाल ये है कि जो सचिव मृत्यु प्रमाण जैसे साधारण से मानवीय काम में भी रिश्वत ले सकता है वह सरकारी योजनाओं को कितनी ईमानदारी से पूरा करेगा ये समझने की बात है बाबजूद इसके उसे मौका देना भला कैसे नियमानुसार हो सकता है।
बहाल किये जाने पर उठ रहे सवाल
आपको बता दें कि जिस दिन सचिव सोनी को लोकायुक्त ने 5000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था उसी दिन उमरिया के मानपुर में भी एक सचिव को लोकायुक्त में पैसा लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था लेकिन उस सचिव को आज तक बहाल नहीं किया गया तो सवाल यह उठता है कि आखिर इस सचिव को पुनः क्यों पंचायत का सचिव का प्रभार दिया गया।

उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट





