सद्गुरु शीलनाथ धुनी मंदिर में 100 वर्षों से बनी हुई है अखंड धुनी! दर्शन करने उमड़ी भक्तों की भीड़

Lalita Ahirwar
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देवास, अमिताभ शुक्ला। देवास के प्रसिद्ध सद्गुरु शीलनाथ धुनी संस्थान मंदिर पर भगवान शीलनाथ महाराज की भव्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। जहां पर बड़ी संख्या में भक्तों ने पहुंचकर सद्गुरु शीलनाथ महाराज के दर्शन किए। सद्गुरू शीलनाथ महाराज साईं बाबा शिरडी , गजानन महाराज शेगाव, खंडवा के धूनी वाले दादा जी के समकक्ष माने जाते हैं। जिन्होंने करीब 20 वर्षों तक देवास में रहकर तपस्या की थी । साथ ही यहां पर अखंड धुनी भी पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से बनी हुई है। यह काफी सिद्ध स्थल माना जाता है।

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श्रद्धालु सद्गुरु शीलनाथ महाराज को भगवान शिव का अवतार भी मानते हैं। धुनि पर दर्शन करने के लिए देश-प्रदेश से श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं। बताया जाता है कि सद्गुरु शीलनाथ महाराज तपस्वी थे और उन्होंने विभिन्न स्थानों पर रहकर तपस्या की। साथ ही ऋषिकेश में उनका समाधि मंदिर भी है।  देवास स्थित धुनि मंदिर पर कई विकास काम संपन्न हो चुके हैं और कई होना बाकी है। इसी कड़ी में सद्गुरु शीलनाथ महाराज की भव्य आदम कद ध्यान मुद्रा की प्रतिमा यहां पर प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित की गई। एक शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा भी यहां पर संपन्न हुई । उक्त कार्यक्रम सद्गुरू शीलनाथ महाराज के समाधि के शताब्दी वर्ष होने पर संपन्न हुआ। जहां पर दर्शन करने के लिए भक्तों और दर्शनार्थियों की भीड़ देखी गई। यहां पर चार दिवसीय हवन पूजन कार्यक्रम भी सम्पन्न किया गया।


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