आखिर सड़क पर पैदल ही क्यों निकल गए केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक? वीडियो हुआ वायरल

Atul Saxena
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Union Minister Virendra Kumar Khatik video viral :  केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वीडियो में कैबिनेट मंत्री अपने सटाफ के साथ सड़क पर पैदल चलते दिखाई से रहे हैं, इसकी वजह ये बताई जा रही है कि जब मंत्री कार्यक्रम में शामिल होकर अपनी कार के पास पहुंचे तो वहां ड्राइवर नहीं था इसलिए वे पैदल ही अगले कार्यक्रम के लिए निकल गए।

7 बार के सांसद है केंद्रीय मंत्री खटीक 

अपनी सादगी के लिए पहचाने जाने वाले केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक 7 बार के सांसद हैं, वे सागर लोकसभा सीट  से पचार बार चुनकर लोकसभा पहुंचे और पिछले तीन बार से टीकमगढ़ से जीतकर लोकसभा पहुंच रहे हैं, वे मोदी सरकार में राज्य मंत्री भी रहे है और अब केंद्रीय मंत्री हैं एक विभाग के मुखिया हैं।

जनमन योजना में शामिल होने विदिशा पहुंचे थे कैबिनेट मंत्री 

दरअसल कल सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने जनमन योजना के तहत आदिवासियों के पक्के घर की सौगात दी थी, विदिशा में भी इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसे पीएम मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक विदिशा के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

गाड़ी पर मौजूद नहीं था ड्राइवर तो पैदल ही निकल पड़े सड़क पर 

बताया जा रहा है कि जब केंद्रीय मंत्री जनमन योजना के कार्यक्रम खत्म होने के बाद बाहर आये और गाड़ी के पास पहुंचे तो वहां उनका ड्राइवर गायब था, मंत्री जी समय के पाबंद हैं उन्हें सर्किट हाउस पहुंचना था तो बिना ड्राइवर का इंतजार किये वे पैदल ही सड़क पर निकल पड़े।

सड़क पर पैदल चलते मंत्री का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल 

मंत्री जी के साथ उनका स्टाफ भी पैदल चल रहा था और ड्राइवर को कॉन्टेक्ट कर रहा था, गाड़ी को मुड़ मुड़ देख रहा था, हालाँकि कुछ देर बाद ड्राइवर गाड़ी लेकर पहुँच गया जिसके बाद मंत्री जी गाड़ी में बैठकर सर्किट हाउस की तरफ रवाना हो गए लेकिन इस दौरान किसी ने मंत्री जी का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जो इस समय वायरल हो रहा है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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