MP Tourism का बना रहे हैं प्लान, यहां जानें हिंदुस्तान के दिल से जुड़ी रोचक बातें, जरूर घूमें ये जगह

MP Tourism

MP Tourism: मध्य प्रदेश को हिंदुस्तान के दिल के नाम से पहचाना जाता है। ये राज्य इतना खूबसूरत है कि अपनी खूबसूरती के चलते दुनिया भर में प्रसिद्ध है। एमपी अपने अंदर कई सारी कहानियां, इतिहास और प्राकृतिक खूबसूरती समेटे हुए हैं। यहां पर घूमने करने के लिए कहीं सारे ऐतिहासिक धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है जहां साल भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। आपको चाहे किले, मंदिर और स्तूप देखना हो या फिर हसीन प्राकृतिक वादियां आप यहां सब कुछ देख सकते हैं।

महाकाल की नगरी उज्जैन में या फिर खूबसूरत सा खजुराहो यह ऐसी जगह है जहां पर साल भर पर्यटकों का तांता लगा हुआ दिखाई देता है। प्राचीन भारतीय वास्तु कला और संस्कृति से भरे कई स्थान यहां पर मौजूद है। अगर आप मध्य प्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं तो चलिए आज हम आपके यहां से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताते हैं।

अद्भुत है मध्य प्रदेश

भारत में कई सारे राज्य हैं जिनमें राजस्थान सबसे बड़ा और मध्य प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यह 308252 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। जनसंख्या के मामले में मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है कहलाता है। यहां पर कई सारे क्षेत्र हैं जो मालवा निमाड़ बुंदेलखंड में बंटे हुए है। इन सभी जगहों की खूबसूरती देखने लायक है।

ये थी पहली राजधानी

किसी व्यक्ति से मध्य प्रदेश की राजधानी के बारे में पूछा जाता है तो सभी राजा भोज की नगरी भोपाल का नाम लेते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि सबसे पहले नागपुर को मध्य प्रदेश की राजधानी बनाया गया था। स्वतंत्रता के बाद मध्य प्रदेश का जब गठन किया गया था तब इसकी राजधानी नागपुर तय की गई थी। उस समय मध्य प्रदेश के दक्षिण भाग और महाराष्ट्र के उत्तर पूर्वी भाग मध्य प्रदेश में ही आते थे। 1956 में भोपाल, मध्य भारत और विंध्य प्रदेश को मिला लिया गया और महाराष्ट्र के मराठी जिलों को हटाकर मध्य प्रदेश का निर्माण हुआ। उसके बाद झीलों की नगरी भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी के रूप में पहचानी जाने लगी।

सबसे रोचक हिंदुस्तान का दिल

मध्य प्रदेश को उसकी अद्भुत संस्कृति और विरासत के लिए पहचाना जाता है। इसे खनिजों का खजाना भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि यहां पर कई सारी खदान है जिनमें से डोलोमाइट, कोयला, कॉपर बॉक्साइट और हीरे जैसे खनिज निकाले जाते हैं।

जब आप मध्य प्रदेश पहुंचेंगे तो यहां आपको अलग-अलग संस्कृति और परंपरा से रूबरू होने का मौका मिलेगा। मालवा में जहां बोली जाने वाली मालवी भाषा और मालवी व्यंजन प्रसिद्ध है। वहीं बुंदेलखंड में बोली जाने वाली बुंदेलखंडी और स्वादिष्ट व्यंजन लोगों का दिल जीत लेते हैं। इसी के साथ यहां पर ऐसे कई शहर हैं जहां पर गोंड, भील, कोरकू, माल्टो, धार, कौल जैसे आदिवासी जनजाति समूह के लोग रहते हैं।

घूमने के स्थान

खजुराहो

अगर आप मध्य प्रदेश में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको यहां के बुंदेलखंड में स्थित खजुराहो का मंदिर जरूर देखना चाहिए। देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से पर्यटक यहां पर घूमने के लिए पहुंचते हैं। इस जगह पर भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की अनोखी झलक देखने को मिलती है। ये वर्ल्ड हेरिटेज के तौर पर पहचाना जाता है और पर्यटन की दृष्टि से काफी खास है।

भीमबेटका

पर्यटन के लिहाज से मध्य प्रदेश के भोपाल के आगे मौजूद भीमबेटका की गुफाएं भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां पर एक या दो नहीं बल्कि 600 गुफाओं का शानदार संग्रह देखने को मिलता है। यह भारत में पाए जाने वाले सबसे पुराने गुफा संग्रहों में से एक है। यहां की दीवारों पर अद्भुत नक्काशी देखने को मिलती है जो इतिहास के अद्भुत नमूने पेश करती है।

महाकाल और ओंकारेश्वर

मध्य प्रदेश में कई ऐसे शहर है तो धार्मिक नगरी के तौर पर पहचान जाते हैं। यहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों में से दो ज्योतिर्लिंग महाकाल और ओंकारेश्वर भी विराजित है। उज्जैन में कालों के काल बाबा महाकाल का भव्य मंदिर है जहां साल भर पर्यटकों का हुजूम देखा जाता है। अब यहां महाकाल लोक का निर्माण भी हो चुका है जहां पर शिवजी से जुड़ी अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं बनी हुई है। इन प्रतिमाओं के जरिए शिवजी से जुड़ी कहानियों को चित्रित किया गया है।

वहीं मध्य प्रदेश के खंडवा के पास स्थित ओंकारेश्वर में एक और ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर विराजित है जो नर्मदा नदी के तट पर मौजूद है। मांधाता पर्वत की गोद में मौजूद ये ज्योतिर्लिंग पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसके चारों ओर हमेशा पानी भरा रहता है।

श्रीकृष्ण की शिक्षा

मध्य प्रदेश अपने धार्मिक स्थान के चलते काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। सभी जानते हैं कि श्रीकृष्ण का संबंध मथुरा वृंदावन से रहा है जो कि उत्तर प्रदेश में आता है लेकिन मध्य प्रदेश से भी श्री कृष्ण का अनोखा रिश्ता रहा है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में कन्हैया ने गुरु सांदीपनी से अपने भाई बलराम और मित्र सुदामा के साथ शिक्षा ग्रहण की थी। यहां पर आज भी श्री कृष्ण की बाल अवतार में पढ़ाई करती हुई मूर्ति है इसी के साथ वह कुंड भी है जहां पर वह अपनी पट्टी धोया करते थे। इसके अलावा उज्जैन में कई सारे धार्मिक स्थल मौजूद है जो पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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