पत्नी ने इंदौर में लिखाई गुमशुदगी की रिपोर्ट, पति को महेश्वर पुलिस ने किया गिरफ्तार

Atul Saxena
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इंदौर, आकाश धोलपुरे।  इंदौर पुलिस और फरियादी के बीच का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, यहां लसूड़िया थाना क्षेत्र के गुलाब में रहने वाले हेमंत जैन नामक पूल संचालक और खिलौने के व्यापारी 14 जुलाई को अपने घर से दूध लेने का जाकर निकलते हैं, लेकिन जब वो वापस नही लौटते है और फोन भी बंद आता है तो पत्नी उनकी तलाश में निकल पड़ती है और अगले दिन याने 15 जुलाई को पत्नी नीतू जैन पति हेमंत जैन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराती है। 5 दिन के बाद अचानक पति का फ़ोन आता है और उसके बाद शुरू होता एक ऐसा सिलसिला जो सीसीटीवी की गुत्थी और पुलिस पर आरोप के रूप में कई सवाल खड़े कर रहा है।

दरअसल, नीतू जैन का कहना कि उसके पति हेमंत जैन बच्ची के लिए दूध लेने का बोलकर अपनी लाल कलर की ज्यूपिटर से निकले थे लेकिन जब वे वापस नहीं लौटे तो वो गुमशुदगी और अपहरण की शंका के चलते लसूड़िया पुलिस में शिकायत करती है। पत्नी ने बताया कि 19 जुलाई को उनके पति का फोन आया और पता चला कि वो खरगोन के महेश्वर थाने में बंद है। महेश्वर पुलिस ने 130 ग्राम ड्रग्स मामले में हेमंत जैन की गिरफ्तारी कर उसे कोर्ट में पेश कर एक दिन की रिमांड भी मांगी थी।

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अब पत्नी का आरोप है कि महेश्वर पुलिस ने उसके पति से छोड़ने के एवज में रुपयों की मांग की थी।  पत्नी की माने तो उसके पति को इंदौर से बिना नम्बर की बोलेरो में ले जाया गया जबकि गिरफ्तारी महेश्वर से बताई गई। पत्नी के पास इस मामले में सीसीटीवी के फुटेज सबूत के तौर पर मौजूद हैं साक्ष्य के तौर पर अन्य सबूत भी पत्नी नीतू जैन ने इंदौर डीआईजी कार्यालय को दिए है।

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फिलहाल, पति महेश्वर में कानूनी उलझनों में फंसा है वहीं पत्नी महेश्वर पुलिस पर उसके पति को झूठा फंसाने के मामले को लेकर आरोप लगा रही है। ऐसे में डीआईजी कार्यालय पर पहुंची शिकायत के बाद इस पेंचीदा मामले में पुलिस को ही पुलिस की पेंचिदगिया सुलझाना होगी। हालांकि, मामला कोर्ट में है लिहाजा, इस पूरे मामले में पुलिस का अगला कदम ये होगा ये अभी भी बड़ा सवाल है?

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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