महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में स्थानीय निकाय चुनाव होने की संभावना है और इसके चलते सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। महायुति (शिवसेना शिंदे गुट, भाजपा और एनसीपी अजित पवार गुट) पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वे गठबंधन के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। दूसरी ओर, महाविकास अघाड़ी (शिवसेना ठाकरे गुट, कांग्रेस और शरद पवार गुट की एनसीपी) की तस्वीर अभी पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। इसी बीच, मनसे प्रमुख राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच हुई अहम बैठक ने राजनीतिक हलचल और बढ़ा दी है। इस माहौल में शिवसेना शिंदे गुट ने मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव की दिशा तय करने के लिए अपनी मुख्य कार्यकारी समिति का गठन कर दिया है।
शिवसेना शिंदे गुट ने पार्टी स्तर पर रणनीति बनाने के लिए 21 नेताओं की टीम बनाई है। इस समिति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत सांसद, पूर्व सांसद, विधायक और पूर्व विधायक शामिल हैं। पार्टी का कहना है कि मुंबई महानगरपालिका चुनावों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय इसी समिति के माध्यम से लिए जाएंगे। बीएमसी चुनाव शिवसेना शिंदे गुट के लिए बेहद अहम हैं क्योंकि मुंबई हमेशा से शिवसेना की सियासत का केंद्र रही है और यहां की जीत का असर पूरे महाराष्ट्र की राजनीति पर पड़ता है।
शिवसेना शिंदे गुट ने बनाई 21 नेताओं की समिति
घोषित सूची में प्रमुख नेताओं में एकनाथ शिंदे, रामदास कदम, गजानन कीर्तिकर, आनंदराव अडसुल, मीनाताई कांबले, सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे, रवींद्र वायकर और राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा शामिल हैं। इसके अलावा राहुल शेवाले, संजय निरुपम जैसे पूर्व सांसद और प्रकाश सुर्वे, अशोक पाटिल, मुरजी पटेल, दिलीप लांडे, तुकाराम काटे, मंगेश कुडालकर और मनीषा कायंदे जैसे विधायकों को भी जगह मिली है। वहीं, सदा सरवणकर, यामिनी जाधव, दीपक सावंत और शिशिर शिंदे जैसे पूर्व विधायकों को भी इस टीम में शामिल किया गया है। इस तरह यह समिति पार्टी के हर स्तर के नेताओं को साथ लेकर बनाई गई है।
बीएमसी चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों में बढ़ती सरगर्मी का एक बड़ा कारण यह भी है कि यह भारत का सबसे धनी स्थानीय निकाय है। बीएमसी का 2025-26 का बजट 74,427 करोड़ रुपये तय किया गया था, जो इसे देश का सबसे समृद्ध शहरी निकाय बनाता है। मार्च 2022 से यह चुनाव लंबित हैं और अब जल्द ही इनके ऐलान की संभावना है। बीएमसी के अलावा, महाराष्ट्र में कई ग्रामीण और शहरी निकायों के चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में, शिवसेना शिंदे गुट की यह नई समिति चुनावी रणनीति और टिकट बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।





