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Mon, Dec 15, 2025

मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर जरांगे की चेतावनी, 5 करोड़ मराठा मुंबई कूच को तैयार

Written by:Neha Sharma
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। आंदोलन का चेहरा बने कार्यकर्ता मनोज जरांगे सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में चौथे दिन भी धरने पर बैठे रहे। धरने के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी।
मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर जरांगे की चेतावनी, 5 करोड़ मराठा मुंबई कूच को तैयार

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। आंदोलन का चेहरा बने कार्यकर्ता मनोज जरांगे सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में चौथे दिन भी धरने पर बैठे रहे। धरने के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया तो मराठा समाज की पांच करोड़ से अधिक आबादी मुंबई की ओर कूच करेगी। जरांगे ने कहा कि फैसला सरकार चाहे तो आज ही कर सकती है, लेकिन जानबूझकर इसे टाला जा रहा है।

मनोज जरांगे ने दी चेतावनी

धरने में बोलते हुए जरांगे ने कहा कि मराठा समाज की मांग पूरी करना बेहद आसान है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री फडणवीस इस मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं और जानबूझकर फैसला टाल रहे हैं। जरांगे ने कहा कि राज्य सरकार को केवल हैदराबाद, सातारा और अन्य गजेटियर्स को लागू करके मराठवाड़ा के मराठों को कुर्मी घोषित करना होगा। इसके बाद संबंधित जिलों के कलेक्टर और तहसीलदार आसानी से प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं। उन्होंने दोहराया कि मराठा समाज अब और इंतजार करने को तैयार नहीं है।

जरांगे ने कहा कि मराठा समाज के लाखों लोग पहले से आंदोलन में शामिल होने के लिए तैयार बैठे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया तो पांच करोड़ से अधिक मराठा मुंबई की सड़कों पर उतरेंगे। हालांकि, उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि आंदोलन इस तरह से किया जाए कि मुंबईकरों को परेशानी न हो। इसके बावजूद धरना और प्रदर्शन की वजह से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) और दक्षिण मुंबई के कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिला।

पुलिस को भीड़ को संभालने और ट्रैफिक डायवर्ट करने के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने पड़े। बेस्ट (BEST) प्रशासन को कई बसों के रूट बदलने या सेवाएं रोकने पर मजबूर होना पड़ा। इस बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को बड़ा आदेश देते हुए कहा कि आजाद मैदान को छोड़कर अन्य जगहों पर चल रहे सभी मराठा आंदोलनों को तुरंत बंद करवाया जाए। अदालत ने साफ किया कि शहर की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित होने से बचाना सरकार की जिम्मेदारी है।