दमोह डेस्क:आशीष जैन- 17 अप्रैल को दमोह विधानसभा में उपचुनाव (By Election) होना है और माना जा रहा है कि चुनाव में सीधी टक्कर कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले विधायक राहुल लोधी और कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के बीच होगी। इसी बीच एक अन्य प्रत्याशी वैभव लोधी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना फॉर्म दाखिल किया है और रोचक बात यह है कि उन्होंने अपना चुनाव चिन्ह चप्पल मांगा है। वैभव राहुल लोधी के चचेरे भाई हैं।
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दमोह उपचुनाव (By Election) में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख और स्कूटनी के बाद अब कुल 22 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। इनमें एक वैभव लोधी अपने चुनाव चिन्ह के कारण चर्चा में है दरअसल फॉर्म भरते समय वैभव ने जूता चुनाव चिन्ह की मांग की थी लेकिन उन्हें आवंटित हुई चप्पल। अब चप्पल को लेकर वे जनता के बीच में जाएंगे और वादे तोड़ने वाले नेताओं को चप्पल के माध्यम से सबक सिखाने की बात कहेंगे। वैभव लोधी का कहना है कि उन्होंने बहुत सोच समझकर (By Election) में अपने चुनाव चिन्ह का चयन किया है। उनका कहना है कि मैं पढ़ा लिखा व्यक्ति हूं, एडवोकेट हूं ।उन्होंने यह भी कहा कि जो नेता लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं उन्हें चप्पल पङनी चाहिए। वैभव ने यह भी कहा कि मैं सामाजिक दायित्व निभाने वाला व्यक्ति हूं और मैंने जनता के प्रति चप्पल चुनाव चिन्ह लेकर अपना दायित्व निभाया है ।पहले मेरे बारे में यह प्रचारित किया जा रहा था कि मैं पैसे लेकर चुनावी मैदान से हट जाऊंगा।
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वैभव ने इससे पहले (By Election) में अपना चुनाव चिन्ह जूता मांगा था ।लेकिन उनका आरोप है कि उन्हें (By Election) में जूता चुनाव चिन्ह ना मिल पाए इसलिए एक अन्य फार्म डलवाया गया और उस प्रत्याशी के द्वारा प्रथम नंबर पर जूता चुनाव चिन्ह की मांग की गई। नियमानुसार इस बारे में पर्ची डाली गई और जूता चुनाव चिन्ह दूसरे प्रत्याशी को आवंटित हो गया। जूता चुनाव चिन्ह या चप्पल चुनाव चिन्ह ही दिमाग में क्यों आया? यह सवाल पूछे जाने पर वैभव ने कहा कि जब भी आपको कोई धोखा देता है तो आपके दिमाग में यह विचार आता है कि साले में चार जूते दो या चार चप्पल मारो। यह विचार यहां की पूरी जनता के मन में है। उनका आरोप है कि (By Election) में बीजेपी इतनी डरी हुई है कि वह जो जूते का चुनाव चिन्ह चाहते थे प्रभाव का इस्तेमाल कर बीजेपी ने नहीं लेने दिया और उन्हें चप्पल पर ही संतोष करना पड़ा ।बीजेपी पर उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम व अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी इन लोगों को अधिकार नहीं दे रही है। हालांकि वैभव की चप्पल चुनाव में क्या करिश्मा दिखाएगी यह तो 17 अप्रैल ही बताएगा लेकिन फिलहाल तो चुनाव में एक रोचक मोड़ आ ही गया है।
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