भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) की 28 सीटों पर उपचुनाव (Byelection) के नतीजों से पहले बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ही दलों में समीक्षा का दौर चल रहा है| यह समीक्षा न सिर्फ परिणाम को लेकर है बल्कि उन नेता, कार्यकर्ताओं को लेकर भी है, जिनके कारण प्रत्याशियों को मुश्किल हुई| भाजपा पहले से ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बड़ी कार्रवाई कर चुकी है, वहीं कांग्रेस में भी जिलेवार समीक्षा की जा रही है|
दरअसल, 25 सीटों पर दल बदल के कारण उपचुनाव हुए हैं, बीजेपी नेताओं ने पार्टी के इस फैसले को स्वीकार तो कर लिया लेकिन स्थानीय नेताओं के राजनीतिक भविष्य को खतरे में देख नेता और उनके समर्थक पूरी तरह से बाहरी नेताओं को एडजस्ट नहीं कर पाए| जिसके चलते कई सीटों पर बीजेपी के अपनों ने ही प्रत्याशी की जीत के लिए ताकत नहीं लगाईं, बल्कि कुछ जगह पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायत भी पार्टी तक पहुंची है| पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार और उनके बेटे मुदित शेजवार पर रायसेन उप चुनाव में पार्टी विरोधी कार्य करने की शिकायतों पर पार्टी ने नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा है| वहीं उपचुनाव में भितरघात के आरोप पर पूर्व विधायक नीटू के बाद अब उनके पिता व भाजपा के कद्दावर नेता गजराज सिंह सिकरवार से भी पार्टी ने 7 दिवस में जवाब माँगा है| पार्टी विरोधी काम करने वालों पर बीजेपी की टेडी नजर है, उन पर गाज गिर सकती है|