खंडवा,सुशील विधानी । मांधाता के उपचुनाव में अभी तक आपने एक्सपोर्ट्स को सुना, लेकिन अब मतदाताओं को भी सुनिए। आईये जानते है मतदाताओं की क्या है मंशा, कौन जीतेगा ? इन परिस्थितियों को देखें तो जातिवाद सब पर हावी है ! एक किसान अशोक शाह कहते हैं कि बिकाऊ और टिकाऊ का नारा कोई मायने नहीं रखता। कांग्रेस के प्रत्याशी के पिता का इतिहास बताते हुए वह कहते हैं कि टिकट नहीं मिला तब राजनारायण ने जो किया, वो कांग्रेस का विरोध नहीं था क्या ? आगे मतदाता कहते है कि दोनों ही प्रत्याशी अनुभवहीन है ।
इनके कंधे पर बंदूक रखकर चलाने वाले चाह रहे हैं कि अपना ही कैंडिडेट जीते, लेकिन ऐसा नहीं होगा । सत्ता पक्ष भी अपना वजूद रखती है । आरएसएस का संगठन का घर घर दरवाजों पर दस्तक देना शुरू हो गया है । यह चुनाव कब और कैसे किसको ऊपर उठा देगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। कांग्रेस के लोग जरूर माहौल बनाने के लिए सड़कों पर ज्यादा संख्या में दिख रहे हैं, लेकिन मामला कभी भी बाजी पलट सकता है । इतना जरूर है कि चुनाव में हार 7000 के अंदर होगी।