मुरैना, संजय दीक्षित। ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने दिमनी के कमथरी गांव में बीजेपी प्रत्याशी डंडोतिया गिर्राज दंडोतिया के लिए आम सभा को संबोधित किया। इस मौके पर सिंधिया ने कहा कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो ग्वालियर चंबल संभाग की माटी के आधार पर बनी। 34 सीट में से 26 सीट कांग्रेस की आई थी। जब शिवराज सिंह और सिंधिया दोनों आमने-सामने थे तब एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा थी जो विकास, प्रगति और सेवा की प्रतिस्पर्धा थी। लेकिन आज हम और शिवराज सिंह दोनों एक हैं। इस पार्टी को मेरी दादी राजमाता ने ही स्थापित की किया था। आपकी सेवा और विकास के लिए हम तीनों संकल्पित हैं।
सिंधिया ने कहा कि जब 2018 में कांग्रेस की सरकार स्थापित हुई तो मुझे अभिलाषा थी कि ग्वालियर चंबल संभाग का रिकॉर्ड कायम करना है। लेकिन 70 साल के भारत के इतिहास में ग्वालियर चंबल संभाग में कांग्रेस ने कभी भी 18 सीट से ज्यादा सीट नहीं जीती। इस चुनाव में 26 सीटें जीती है। कांग्रेस और बीजेपी में केवल पांच छह सीटों का अंतर था, अगर ग्वालियर चंबल संभाग में 26 सीट नही जीती जाती तो कमलनाथ मुख्यमंत्री नहीं होते। उस समय मुख्यमंत्री से उम्मीद थी कि विकास आएगा और प्रगति आएगी। लेकिन जो कांग्रेस 2018 में स्थापित हुई तो मुख्यमंत्री कमलनाथ थे, लेकिन एक अकेले सीएम के ऊपर एक सुपर सीएम भी बैठा था। एक थे छोटे भाई दूसरे से बड़े भाई। हमने सोचा था कि शिवराज सिंह चौहान ने जो विकास और प्रगति की लकीर खींची थी उससे ज्यादा बड़ी लकीर हम लोग खींच लेंगे। लेकिन कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की भ्रष्टाचार की जोड़ी ने लकीर खींच दी।
उन्होने कहा हम अब मंदिर में जाते हैं दर्शन करने के लिए और आशीर्वाद लेने के लिए लेकिन लोकतंत्र का मंदिर तो वल्लभ भवन है। भोपाल के उस लोकतंत्र के मंदिर को कलंकित करने का काम और भ्रष्टाचार बनाने का काम दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने किया है। कांग्रेस के लोग तो मन से चिल्लाते हैं कि यह देश के उद्योगपति नहीं अंतरराष्ट्रीय जगत के उद्योगपति हैं। मैंने सोचा था कि उद्योग आएगा विकास और प्रगति आएगी लेकिन मध्यप्रदेश में उद्योग नहीं आया। कमलनाथ ने नया उद्योग स्थापित कर दिया जिसका नाम था ट्रांसफर उद्योग। वल्लभ भवन में जाओ तो पूरी 20 लाख से लेकर 50 लाख तक बोली लगती थी। पुलिस के अफसर को चार बार ट्रांसफर कर दिया जाता था। मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार का अड्डा बना कर रख दिया था। सिंधिया ने कहा कि मैं चंबल की माटी का सपूत हूं और किसी कीमत पर अन्याय और भ्रष्टाचार नहीं होने दूंगा। चाहे मुझे सड़क पर उतर कर सरकार को धूल चटाना पड़े। अगर जनता का साथ सिंधिया को मिल जाए तो जिंदगी भर ऋणी रहूंगा। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गद्दार है। यह चंबल की माटी है। अगर चंबल की माटी को बेइज्जत किया तो 3 नवंबर को देखना यही माटी तुम्हें जवाब देगी। गद्दारी की बात करते हो तो कान खोल कर सुन लो कांग्रेस ने कहा था 2018 के चुनाव में कांग्रेस का कहना साफ, हर किसान का 2 लाख तक का कर्जा माफ। अगर 10 दिन के अंदर कर्जा माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री पद से हट जाऊंगा। अगर मेरे अन्न दाताओं के साथ कोई भी वादाखिलाफी करेगा तो मैं सहन नहीं करूंगा।
सभा को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि मैंने यह सरकार गिराई है क्योंकि जो सरकार आपके साथ गद्दारी करेगी तो चाहे जान मेरी चली जाए ऐसी सरकार को धूल चटा कर रहूंगा। एक और कमल की सरकार जिस ने किसानों के साथ गद्दारी की और एक यह शिवराज सिंह की कमल की सरकार। शिवराज सिंह ने सरकार में आते ही दिल की चाबी खोली, तिजोरी का ताला तोड़ा और किसानों के खाते में फसल बीमा योजना के पैसे पहुंचाए।जब चुनाव आता है तो बड़े भाई पर्दे के पीछे होते हैं। अगर चुनाव होता है तो मुखौटा कमलनाथ को बनाकर बड़े भाई पीछे से पर्दे की डोरी पकड़ कर खींचते हैं । मैं कहना चाहता हूं कि पत्तियां झड़ गई हमसे गुलशन को सींचने में, वे हम पर इल्जाम लगाते हैं बेवफाई का, गुलशन को रौंदा डाला, मगर जिसने अपने हाथों से, वाह-वाह कर रहे हैं इस चमन के रहनुमाई का। तो यह चुनाव दंडोतिया नही लड़ रहे हैं बल्कि चुनाव शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिराज सिंधिया लड़ रहे हैं।