उमा भारती ने अपनी ही पार्टी पर कसा तंज, कहा- भाजपा को समझ में आ गया अब घमंड नहीं पालना है

Gaurav Sharma
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उमा भारती

राजगढ़, डेस्क रिपोर्ट। राजगढ़ में उपचुनाव को लेकर ब्यावरा विधानसभा के सुठालिया में भाजपा प्रत्याशी नारायण सिंह के पक्ष में सभा करने राजगढ़ पहुची पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सभा के मंच से पिछले चुनाव में भाजपा की हार को लेकर अपनी ही पार्टी पर तंज कस दिया और मंच से उमा भारती ने कहा कि जोर का झटका धीरे से लगा, भाजपा को भी लगा और पब्लिक को भी लगा, और मैंने कहा कि यह झटका बहुत जरूरी भी था, क्योंकि भाजपा को समझ में आ गया कि, हमको अब घमंड नहीं पालना है।

उमा भारती ने कहा जनता हमारे पट्टे में नहीं लिखी है ,जो हमको हमेशा वोट देती रहेगी । ये भाजपा के समझ में आ गया और जनता को ये समझ मे आ गया कि, भारतीय जनता पार्टी से अच्छी पार्टी पूरे भारतवर्ष में नहीं है और दोनो का प्यार एक दूसरे के लिए वापस लौट आया है ।

पूर्व सीएम ने कहा दोनों को एक दूसरे की कीमत समझ में आने लग गई है। अब शिवराज जी फिर से सबको प्यारे लगने लगे है। हमारे मुख्यमंत्री जी आप सबको प्रिय लगने लगे और हमें भी समझ में आ गया है कि गलती कहां हुई थी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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