विश्वास सारंग का बड़ा बयान- सौदेबाजी तब हुई जब सिंधिया के चेहरे पर मुख्यमंत्री बने थे कमलनाथ

Kashish Trivedi
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विश्वास सारंग

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) में 3 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव (Assembly by-election) से पहले सियासत पल-पल बदलते नजर आ रही है। मतदान से 7 दिन पूर्व में कांग्रेस के एक विधायक (Congress mla) ने इस्तीफा देकर बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया। इसके बाद सियासी बवाल तीव्र हो गया है। कमलनाथ (Kamalnath) सहित पूरे कांग्रेस इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार मान रही है और सौदेबाजी का इल्जाम लगा रही है। जिस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (vishwas Sarang) ने कमलनाथ पर जमकर हमला बोला है। सारंग ने कहा कि 2018 के चुनाव में चेहरा सिंधिया (scindia) का देकर कमलनाथ खुद सीएम बन गए, ये सौदेबाज़ी थी।

दरअसल कमलनाथ पर इल्जाम लगाते हुए विश्वास सारंग ने कहा विधानसभा चुनाव 2018 में सबसे बड़ी सौदेबाजी कमलनाथ ने की थी। जब सिंधिया के चेहरे पर उन्होंने चुनाव लड़ा था। प्रदेश के मुख्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) बनने वाले थे लेकिन 10 जनपद से सौदेबाजी करके कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बन बैठे थे।

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इंदिरा गांधी के साथ की सौदेबाजी – कमलनाथ 

इसी के साथ विश्वास सारंग ने कहां के कमलनाथ का इतिहास यही रहा है। उन्होंने हमेशा सौदेबाजी की है। उनका जन्म कोलकाता में हुआ। सेठ के परिवार में उनका जन्म हुआ था लेकिन इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के साथ सौदेबाजी करने के बाद उन्होंने मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में चुनाव लड़े। कमलनाथ ने 45 साल तक सौदेबाजी की है। जिसके बाद उन्हें हर मुद्दे पर सौदेबाजी ही नजर आती है।

क्षेत्र के विकास के लिए विधायक कांग्रेस पार्टी से टूट रहे

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस डूबती हुई नैया है। जो भी विधायक जनता के साथ है वह कांग्रेस में नहीं रहेगा क्योंकि विधायकों को लगता है कि उन्होंने जनता से जो वादा किया है। उन वादों को कांग्रेस 15 महीने में पूरी नहीं कर पाई है। विश्वास ने कहा अपने 15 महीने के कार्यकाल में कांग्रेस ने एक वचन को पूरा नहीं किया है। जिस वजह से अपने क्षेत्र के विकास के लिए विधायक कांग्रेस पार्टी से टूट रहे हैं और हमारी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इसमें किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त का सवाल ही नहीं है।


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