नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government employees) के फिटमेंट फैक्टर पर ताजा अपडेट सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केन्द्र सरकार इसी महीने फिटमेंट फैक्टर पर बड़ा फैसला ले सकती है, इसके लिए ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, जिसे जल्द केन्द्र सरकार के साथ शेयर किया जाएगा।वही संघ और सरकार की बैठक में विस्तार से चर्चा होने के बाद इसे सितंबर से पहले फैसला लिया जा सकता है।आखिरी बार 2017 में एंट्री लेवल बेसिक पे 7000 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18000 रूपये की गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर इस बात पर सहमति बनती है तो 52 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में फिटमेंट फैक्टर के तहत इजाफा हो सकता है। संभावना है कि फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी से बढाकर 3.68 फीसदी तक किया जा सकता है ।अगर सहमति बनती है तो इसे 1 सितंबर 2022 से लागू किया जा सकता है। इससे बेसिक सैलरी में 8000 का इजाफा होगा, यह 18000 से बढकर 26000 हो जाएगी । इसके लागू होने से लेवल मैट्रिक्स 1 से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 26,000 रुपये से शुरू हो जाएगी। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गई है।
दरअसल, 7वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) से तय होती है । वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है, इसी आधार पर न्यूनतम बेसिक सैलरी 18000 रुपये है और अधिकतम बेसिक सैलरी 56900 रुपये है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा।3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।
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गौरतलब है कि फिटमेंट फैक्टर का केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है। इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन की जाती है।पिछली वेतन आयोग की रिपोर्ट में फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण सिफारिश है, इसी आधार पर वेतन वृद्धि तय होगी।वही कर्मचारियों द्वारा भी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर को 2.57 फीसदी से बढ़ाकर 3.68 फीसदी की मांग की जा रही है, ताकी बेसिक सैलरी में वृद्धि हो सके।