दरअसल, वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी है और उनकी बेसिक सैलरी 18000 रुपए है। कर्मचारी लंबे समय से इसे 3.68 फीसदी (Fitment Factor 3.68 hike) करने की मांग कर रहे है ताकी न्यूनतम वेतन में कम से कम 8000 की वृद्धि हो सके। आज बुधवार मोदी कैबिनेट बैठक होने जा रही है, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बैठक में आज फिटमेंट फैक्टर पर चर्चा हो सकती है।इस बैठक में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया जा सकता है।इसका लाभ लाखों कर्मचारियों को मिलेगा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग में जो Pay matrix बने है वे Fitment factor पर बेस्ड हैं।फिटमेंट फैक्टर का कर्मचारियों की सैलरी में अहम रोल माना जाता है, इससे सैलरी में ढ़ाई गुना तक इजाफा देखने को मिलता है।जून 2017 में 34 संशोधनों के साथ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी के बाद एंट्री लेवल बेसिक पे 7,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया था, जबकि उच्चतम स्तर यानी सचिव को 90,000 रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया गया था। इससे पहले 2016 में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया गया था और न्यूनतम बेसिक सैलरी 6,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये की गई थी।
देखें कितनी बढ़ेगी सैलरी
- कर्मचारी की बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है।
- फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से न्यूनतम वेतन भी बढ़ेगा।वर्तमान में कर्मचारियों को 2.57 फीसदी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी (Salary under fitment factor) मिल रही है।
- अगर फिटमेंट फैक्टर 3.68 फीसदी होता है तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (Minimum Salary) में 8 हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी, यानी अब तक मिलने वाला 18000 रुपये सैलरी बढ़ कर 26000 रुपये हो जाएगी।
- उदाहरण के तौर पर, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा
- 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000X3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।अगर इसे बढ़ाकर 3 किया जाता है तो बेसिक सैलरी 21000 रुपए होगी।