नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 7th pay commission: केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) को जल्द एक अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केन्द्र की मोदी सरकार आगामी महंगाई भत्ते के साथ फिटमेंट फैक्टर पर भी विचार कर सकती है। वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी है और कर्मचारी इसे 3.68 फीसदी (Fitment Factor 3.68 hike) करने की मांग कर रहे है ताकी न्यूनतम वेतन में 8000 की वृद्धि हो सके।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि आने वाले दिनों में मोदी सरकार (Modi Government) इस पर विचार करती है और फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है तो बेसिक सैलरी 18000 से 26000 हो जाएगी। इसका लाभ 52 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।हालांकि पहले खबर आ रही थी कि खजाने पर बढ़ते भार के चलते 2022 में मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने के मूड में नहीं है, लेकिन अब कहा जा रहा है कि इस पर भी जल्द विचार हो सकता है। हालांकि अभी तक इस संबंध में सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक बयान या पुष्टी नहीं की गई है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जून 2017 में 34 संशोधनों के साथ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी के बाद एंट्री लेवल बेसिक पे 7,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया, जबकि उच्चतम स्तर यानी सचिव को 90,000 रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया गया था।वही कहा था कि सरकार को सिर्फ 10 साल में एक बार नहीं बल्कि समय-समय कर्मचारियों की सैलरी रिवाइज करना चाहिए।7वें वेतन आयोग में जो Pay matrix बने है वे Fitment factor पर बेस्ड हैं।
सैलरी में 49420 का मिलेगा लाभ
कर्मचारी की बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा।वही 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000X3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।अगर इसे बढ़ाकर 3 किया जाता है तो बेसिक सैलरी 21000 रुपए होगी।
आखिरी बार 2016 में बढ़ा था
बता दे कि फिटमेंट फैक्टर का कर्मचारियों की सैलरी में अहम रोल माना जाता है, इससे बेसिक सैलरी तय होती है और भत्ता भी अपने आप बढ़ जाता है।मोटे तोर पर कहे तो इससे सैलरी में ढ़ाई गुना तक इजाफा देखने को मिलता है।इससे पहले 2016 में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया गया था और न्यूनतम बेसिक सैलरी 6,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये की गई थी।