7th Pay Commission, DA Hike, Salary Hike : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल एक बार फिर उनके महंगाई भत्ते में वृद्धि की जाएगी। इसके लिए जल्द ही सरकार द्वारा घोषणा की जा सकती है। सरकार द्वारा घोषणा होने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों को बड़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलने लगेगा।
महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा जल्द
केंद्र सरकार द्वारा सीपीएसई कर्मचारियों के तिमाही के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की गई है। इसके लिए आदेश जारी किए गए थे। वही शासकीय कर्मचारी महंगाई भत्ते में वृद्धि की राह देख रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही उनके महंगाई भत्ते में वृद्धि की जाएगी। इसके लिए मोदी सरकार त्योहार से पहले बड़ी घोषणा कर सकती है।केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते को 4 फीसद की दर से बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही 69.76 लाख पेंशनर और 47.58 कर्मियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
DA में 4 फीसद की बढ़ोतरी का पूर्वानुमान
महंगाई के आंकड़े को देखते हुए DA में 4 फीसद की बढ़ोतरी का पूर्वानुमान जताया गया। महंगाई के आंकड़े की बात करें तो मई 2023 तक के एआईसीपीआई आंकड़े जारी किए जा चुके हैं। साल 2023 की पहली छमाही में सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में 4 फीसद का इजाफा किया गया था। जिसके बाद महंगाई भत्ता और DR बढ़कर 42 फीसद हो गया था।अब दूसरी छमाही के लिए सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में 4 फीसद की वृद्धि की जा सकती है। इसके साथ ही महंगाई भत्ते बढ़कर 46 फीसद हो जाएंगे।
मई 2023 तक के एआईसीपीआई आंकड़े से महंगाई दर बढ़कर 45.57% पहुंच गई है। ऐसे में अनुमान जताया गया है कि पूर्णांक के तहत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 46 फीसद की वृद्धि की जा सकती है। वहीं महंगाई भत्ता 46 होने के साथ ही कर्मचारियों के वेतन में सालाना ₹27000 रुपए तक का इजाफा देखा जाएगा। मासिक वेतन में 720 रुपए तक की वृद्धि होगी। कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता 50% पहुंचने के बाद उनके एचआरए की दरों को भी संशोधित किया जाएगा।
इन राज्यों में बढ़ा DA
इससे पहले कर्नाटक द्वारा 1 जनवरी 2023 से कर्मचारियों के लिए DA में 4 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। कर्नाटक में महंगाई भत्ता 31% से बढ़कर 35% हो गया। वहीं झारखंड और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा भी अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते को बढ़ाया गया है। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को भी लंबे इंतजार के बाद आखिरकार महंगाई भत्ते में वृद्धि का लाभ दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुसार महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2023 से मिलेगा। इसके साथ ही जुलाई की सैलरी से महंगाई भत्ते में वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। जनवरी से जून तक के एरियर का भुगतान कर्मचारियों को तीन किस्तों में किया जाएगा।
फिटमेंट फैक्टर से बढ़ेगी बेसिक सैलरी!
वहीं कर्मचारियों द्वारा आठवीं वेतन आयोग की मांग भी शुरू हो चुकी है। इसके लिए कर्मचारी संघ द्वारा लगातार सरकार को पत्र लिखा जा रहा है। साल 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा किया गया था। इसके साथ ही सातवें वेतन आयोग को लागू किया गया था। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलेरी को 6000 रुपए से बढ़ाकर ₹18000 किया गया था। इसके साथ ही वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर के लिए बेसिक सैलरी 2.57 गुना तय की गई है।
फिर से फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि की मांग की जा रही है। कर्मचारी संघ की मांग है कि फिटमेंट फैक्टर को 3.68 गुना तक बढ़ाया जाए। इसके साथ ही कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर 26000 रुपए तक हो सकती है। वहीं सरकार फिटमेंट फैक्टर को 3 गुना तक बढ़ा सकती है। यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों के लिए बड़ी सैलरी 21000 रुपए की जा सकती है। फिलहाल इस पर किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
वही कर्मचारियों की सैलरी तय करने में फिटमेंट फैक्टर का सबसे बड़ा योगदान होता है। सिफारिश के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारी के कुल वेतन भत्ते के अलावा बेसिक सैलरी और फिटमेंट फैक्टर से उनके वेतन तय किए जाते हैं। नए वेतन आयोग के गठन के साथ ही फिटमेंट फैक्टर को भी बढ़ाया जा सकता है। रेलवे वरिष्ठ नागरिक कल्याण सोसायटी द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा गया। जिसमें 1 जनवरी 2024 से 8 वीं वेतन आयोग को स्थापित करने का आग्रह किया गया है। दरअसल जनवरी 2024 में होने वाले महंगाई भत्ते के साथ ही महंगाई भत्ते की दर 50% के पार हो जाएगी।
8वें वेतन आयोग के गठन की मांग, RCCWS ने सौंपा ज्ञापन
ऐसे में महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की दर 50% से ऊपर होने की स्थिति में नए वेतन आयोग के गठन की मांग की जा रही है। 30 मई 2023 को वित्त मंत्रालय को ज्ञापन दिया गया। जिसमें नए वेतन आयोग क्यों आवश्यक है इस पर विशेष टिप्पणी की गई थी। आरसीसीडब्ल्यूएस ने कहा कि केंद्रीय वेतन आयोग के बीच 10 साल के लंबे अंतराल के कारण केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगी पिछले 70 वर्ष से वित्तीय बदहाली का सामना कर रहे हैं।
ज्ञापन के अनुसार सातवें केंद्रीय वेतन आयोग फरवरी 2017 में अपनी रिपोर्ट सौंपी गई थी लेकिन कार्यान्वयन के आदेश जुलाई और अगस्त 2017 में जारी किए गए थे। संशोधित वेतन का बकाया 1 जनवरी 2016 से भुगतान किया गया था। वही पत्र में कहा गया कि सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 26000 रुपए की बजाय ₹18000 तय किया गया था जबकि फिटमेंट फैक्टर को 3.15 के बजाय 2.57 स्वीकार किया गया था।
अब एक बार फिर से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत मूल वेतन के 50% या अधिक पहुंचने की कगार पर है। मुद्रास्फीति के प्रभाव को बेअसर करने के लिए वेतन संरचना में संशोधन की आवश्यकता है। पत्र में स्पष्ट किया गया कि जनवरी 2024 से महंगाई भत्ते महंगाई राहत की दर 50% या उससे अधिक होने का अनुमान जताया जा रहा है। ऐसे में जनवरी 2024 से वेतन और भत्ते सहित पेंशन को संशोधित करने के लिए कदम उठाया जाए।
ज्ञापन में कहा गया कि वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लगभग 2 साल लग रहे हैं और सरकार को उस पर विचार करने में उसे लागू करने में एक साल या उससे अधिक का समय लगता है। ऐसे में वेतन आयोग द्वारा प्रस्तावित वेतन और पेंशन का मूल्य और भी कम हो जाता है। इसलिए अनुरोध किया जा रहा है कि आठवीं केंद्रीय वेतन आयोग का शीघ्र गठन किया जाए और केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को अंतरिम राहत जनवरी 2024 से ही दी जाए ताकि उनके नुकसान की भरपाई की जा सके।
आगामी चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि पर कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है। यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों के वेतन में एक बार फिर से बंपर वृद्धि देखी जाएगी। इसके साथ ही उनके उत्तर सहित पेंशन राशि और महंगाई भत्ते में भी इजाफा निश्चित है।