Employees salary payment, Employees Arrears : शिक्षकों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल हाई कोर्ट ने उनके हित में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जिससे कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। वही कर्मचारियों को जल्द उनके बकाए वेतन और एरियर का भुगतान किया जाएगा।
कर्मचारियों को जल्द होगा भुगतान
दरअसल पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा अतिथि शिक्षकों के वेतन से ग्रीष्मकालीन अवकाश की छुट्टियों के वेतन की कटौती को अनुचित करार दिया गया है। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने तकनीकी शिक्षा विभाग को स्पष्ट आदेश दिया है कि शिक्षकों को इस अवधि के वेतन और एरियर का भुगतान किया जाए। साथ ही कर्मचारियों के खाते में 20 से 25 हजार रुपए तक की राशि जल्दी भेजी जाएगी।
अनुबंध शिक्षकों से ना बदला जाए
इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि नियमित नियुक्ति होने तक अतिथि शिक्षकों को अनुबंध शिक्षकों से ना बदला जाए। बता दें कि इससे पहले नीलोखेड़ी के प्रदीप और अन्य द्वारा याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में अनुबंध के आधार पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
यह थे नियम
वहीं शिक्षकों की सेवाओं के लिए जब उन्हें वेतन जारी किया जाता है तो उसमें से ग्रीष्मकालीन अवकाश और अन्य छुट्टियों के वेतन को काट लिया जाता है। याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि सरकार की ओर से सितंबर 2019 में निर्देश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि अतिथि शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश और छुट्टियों के वेतन की पात्रता होगी। उस वक्त आदेश जारी करते हुए कहा गया था कि अतिथि शिक्षकों के पास काम हो या ना हो, उन्हें सेवा देने की अवधि के लिए भुगतान अवश्य किया जाएगा।
हाई कोर्ट का फैसला
सरकार के निर्देश के बावजूद शिक्षकों को 2019 के ग्रीष्मकालीन अवकाश और अन्य छुट्टियों के वेतन से वंचित रखा गया था। जिस पर याचिकाकर्ताओं द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।वहीं मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए हैं। अतिथि शिक्षकों के हित में बड़े फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षा विभाग के महानिदेशक द्वारा दिसंबर 2022 को एक पत्र जारी कर कहा गया था कि 2019 के निर्देश के अनुसार शिक्षक बाकी के शिक्षकों की तरह बिना छुट्टी की कटौती वेतन के हकदार होंगे।
साथ ही हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि ऐसे ही कटौती कर्मचारियों के हित में नहीं है और इसकी निंदा सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी की जा चुकी है ऐसा करते हुए इन शिक्षकों को मातृत्व-चिकित्सा अवकाश का भी पात्र माना गया था। ऐसे में शिक्षकों को उनकी ग्रीष्मकालीन सहित अन्य छुट्टियों की कटौती की गई राशि का भुगतान किया जाए।