Vande Bharat Express: भारतीय रेलवे द्वारा वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर कोई ना कोई नया फैसला लगातार लिया जा रहा है। आधुनिकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आने वाले सालों में 8000 वंदे भारत एक्सप्रेस कोच तैयार करने की बात बताई जा रही है। सभी नए कोच पुराने कोचों को रिप्लेस करेंगे और इसकी सबसे बड़ी वजह सेमी हाई स्पीड ट्रेन को और भी बेहतर बनाना है।
यह ट्रेन अपने आरामदायक सफर और बेहतरीन सुविधाओं के चलते प्रसिद्ध है। वैसे तो इसमें 16 कोच होते हैं लेकिन आवश्यकता के अनुसार 8 कोचों का संचालन भी किया जा सकता है। देश के अधिकतर राज्यों में यह ट्रेन संचालित की जा रही है और अन्य रूटों पर भी इसे चलाने की योजना बनाई गई है।
इतनी आएगी लागत
एक अनुमान के मुताबिक 16 कोच वाले ट्रेनसेट की लागत 130 करोड़ रुपए तक जाने वाली है। चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में 3200 स्लीपर वेरिएंट कोच बनाने का काम दिया गया है। अभी तक इस ट्रेन में सिर्फ बैठने वाले कोच ही अवेलेबल है, लेकिन विस्तार के बाद स्लीपर कोच भी मिलने लगेंगे। इस वित्त वर्ष में वंदे भारत एक्सप्रेस की संख्या 25 की जगह 75 पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं इस साल 700 वंदे भारत कोच का उत्पादन होने का अनुमान है और 2024-25 में 1000 एक्स्ट्रा कोच तैयार होंगे।
वंदे भारत स्लीपर कोच
कुछ दिनों पहले ही वंदे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर वेरिएंट शुरू किए जाने के बारे में जानकारी सामने आई है। अगले साल तक इस वेरिएंट को शुरू किया जाएगा और यह लंबी दूरी की ट्रेनों के समान चलेगा। राजधानी की तरह इसे पहले 500 किलोमीटर की दूरी तक चलाया जाएगा। कोच के डिजाइन दो तरह के हो सकते हैं। टीएमएच कंपनी भारत के रेल विकास निगम के साथ मिलकर स्लीपर वेरिएंट सहित 120 वंदे भारत का निर्माण करने वाली है। बीएचईएल को 80 कोच बनाने का ठेका मिला है और इसके अलावा एल्सटॉम एलुमिनियम बॉडी से बनी हुई 100 वंदे भारत ट्रेन का निर्माण करेगी।