8th Pay Commission : 55 फीसदी महंगाई भत्ता होने के बाद अब केन्द्रीय कर्मचारियों पेंशनरों को 8वें वेतन आयोग के लागू होने का इंतजार है। खबर है कि 1 जनवरी 2026 से इसे लागू किया जा सकता है, क्योंकि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म होने वाला है। नए वेतन आयोग से 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।
आमतौर पर हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन होता है।वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, पेंशन और भत्तों में बदलाव की सिफारिश करता है।
7वें वेतन आयोग में वेतन में 14.27% की वृद्धि हुई थी, अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच तय हो सकता है और कर्मचारियों की सैलरी 14,000 से 19,000 तक बढ़ सकती है।

कितनी बढ़ेगी सैलरी, ऐसे समझें पूरा गणित
माना केंद्र सरकार के कर्मचारियों की औसत सैलरी 1 लाख रुपये प्रति महीना (टैक्स से पहले) है। 8वें वेतन आयोग के बाद वेतन में 14 से 19 फीसदी की बढ़ोतरी होती है तो 3 संभावनाएं बनेंगी।अगर सरकार 1.75 लाख करोड़ रुपये (50% सैलरी और 50% पेंशन वृद्धि के लिए) का बजट रखती है तो औसत सैलरी में 14,600 रुपये प्रति महीना की वृद्धि होगी। 2 लाख करोड़ रुपये का बजट होने पर सैलरी में 16,700 रुपये प्रति महीना और 2.25 लाख करोड़ बजट होने पर कर्मचारियों को प्रति माह 18,800 रुपए की वेतन बढ़ोतरी मिलेगी।इस तरह कर्मचारियों की सैलरी में 19000 तक की वृद्धि होगी।
फिटमेंट फैक्टर पर क्या पड़ेगा असर?
- वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57% है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन की जाती है।
- 7वें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर के कारण वेतन और पेंशन में वृद्धि के बाद केंद्रीय कर्माचारियों की न्यूनतम सैलरी 7,000 से बढ़कर 18,000 रूपये हो गई थी। 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच तय हो सकता है, जिससे वेतन में 30-50 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।
- कयास लगाए जा रहे है कि 8th CPCs में न्यूनतम मूल वेतन 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपये तक हो सकता है।अगर 1.92 फिटमेंट फैक्टर होता है तो वेतन में 92% की वृद्धि यानि 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा।
फिटमेंट फैक्टर क्यों है जरूरी ?
फिटमेंट फैक्टर का केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है।इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है। वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन की जाती है।