Aadhaar Card : EPFO का बड़ा फैसला, जन्मतिथि का प्रूफ नहीं माना जायेगा आधार, सूची से किया बाहर

Atul Saxena
Published on -
epfo higher pension

Aadhaar Card Update, EPFO Update : यदि आप कर्मचारी भविष्य निधि यानि EPFO के खाते में अपनी जन्म तारीख यानि डेट ऑफ़ बर्थ में कोई करेक्शन करवाना चाहते है तो अब आपका आधार कार्ड उसके लिए मान्य नहीं होगा, ये बड़ा फैसला EPFO ने ले लिया है और इसके लिए एक सर्कुलर भी जारी कर दिया है।

EPFO ने अपनी सूची से बाहर किया आधार कार्ड 

EPFO ने अपने सर्कुलर में कहा है कि अब से जन्मतिथि में बदलाव के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा, 16 जनवरी मंगलवार को जारी सर्कुलर में यूआईडीएआई (UIDAI) के पत्र का हवाला देते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कहा कि हमने उस निर्देश के बाद आधार कार्ड को अब मान्य दस्तावेजों की सूची से हटा दिया है।

जन्मतिथि के लिए अब इन दस्तावेजों का होगा इस्तेमाल 

ईपीएफओ ने कहा कि यदि कोई कर्मचारी अपने खाते में जन्मतिथि से सम्बंधित कोई अपडेट कराना चाहता है तो उसे अपना जन्म प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा, यदि ये उसके पास नहीं होगा तो वे किसी सरकारी बोर्ड या फिर सरकारी यूनिवर्सिटी की मार्कशीट, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट , स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट दे सकेगा लेकिन इस पर जन्मतिथि होना चाहिए, EPFO ने सिविल सर्जन द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, पैन नंबर, सरकारी पेंशन कार्ड एवं मेडिक्लेम सर्टिफिकेट, मूलनिवासी सर्टिफिकेट को भी इसके लिए मान्यता दी है।

UIDAI ने आधार को जन्मतिथि के लिए प्रमाणित दस्तावेज नहीं माना 

आपको बता दें कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार कार्ड का इस्तेमाल केवल पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र यानि एड्रेस प्रूफ के रूप में ही किया जाना चाहिए, इसे जन्मतिथि के प्रूफ की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, ये 12 अंकों वाला भारत सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र है, हालाँकि इसे बनाते समय सभी दस्तावेजों के साथ जन्मतिथि भी इसपर डाली गई है लेकिन इसे जन्मतिथि के लिए प्रमाणित नहीं माना जाये।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News