मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 7 जवानों के शव बाहर निकाले जा चुके हैं, जबकि 13 जवानों को रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं, 30-40 से ज्यादा अभी दबे हुए हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह इसे लेकर एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। घायलों की मदद के लिए डॉक्टरों की एक टीम मौके पर रवाना हो गई है।
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बता दें कि घायलों को इलाज के लिए नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट लाया गया है। भूस्खलन के वजह से इजाई नदी का प्रवाह प्रभावित हुआ है। यह नदी तामेंगलोंग और नोनी जिलों से होकर बहती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ नागरिकों के भी मलबे में दबे होने की आशंका है। खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू मिशन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सेना के हेलिकॉप्टर भी मौके पर पहुंच चुके हैं।
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जिला प्रशासन आस-पास के ग्रामीणों को सावधानी बरतने और जल्द से जल्द जगह खाली करने की एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि मलबे की वजह से इजाई नदी ब्लॉक हो गई है। जिससे एक ही जगह पर जल भराव के कारण बांध जैसी स्थिति बन गई है। अगर यह टूट गया तो निचले इलाकों में और ज्यादा तबाही मच सकती है।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर जानकारी देते हुए लिखा, “मणिपुर में तुपुल रेलवे स्टेशन के पास भूस्खलन के मद्देनजर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। बचाव कार्य जोरों पर है। एनडीआरएफ की एक टीम मौके पर पहुंच गई और बचाव कार्यों में शामिल हो गई।