NCERT Textbooks: सभी कक्षाओं के लिए NCERT की किताबों को 2026 तक कर ली जाएगी तैयार, पढ़ें पूरी खबर

नई शिक्षा नीति के तहत, पाठ्यक्रमों को नए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार तैयार किया जा रहा है, जिसे लेकर काम काफी समय से चल रहा है।

Shashank Baranwal
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NCERT Textbooks: शिक्षा मंत्रालय द्वारा नए पाठ्यक्रम के आधार पर किताबे लाने का प्रयास किया जा रहा है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, नए पाठ्यक्रम के आधार पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की टेक्स्ट बुक्स सभी कक्षाओं के लिए साल 2026 तक तैयार कर लिए जाएंगे। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा तेजी से काम किया जा रहा है।

2026 तक हो जाएंगी तैयार

सूत्रों के मुताबिक, यह खबर सामने आई है कि सभी कक्षाओं के लिए NCERT की किताबों को साल 2026 तक तैयार कर ली जाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत, NCERT की कीताबों में संशोधन किया गया है, जिसके आधार पर अब सभी कक्षाओं के लिए संशोधित किताबों को पेश किया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय सक्रिय होकर काम कर रहा है, लेकिन प्रक्रिया में अभी कुछ और समय लग सकता है।

डिजिटल फॉर्मेट में भी कराया जाएगा उपलब्ध

नई शिक्षा नीति के तहत, पाठ्यक्रमों को नए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार तैयार किया जा रहा है, जिसे लेकर काम काफी समय से चल रहा है, लेकिन पाठ्यक्रमों में संशोधित करना और फिर नए सिरे से तैयार करने में काफी समय लगता है, जोकि काफी मेहनत भरा काम भी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के मुताबिक तैयार किए जाने वाली NCERT की किताबों को डिजिटल फॉर्मेट में भी उपलब्ध कराया जाएगा।

कस्तूरीरंगन समिति को दी गई जिम्मेदारी

बता दें कि केंद्र सरकार ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए साल 2020 में ISRO के अध्यक्ष रह चुके कस्तूरीरंगन की अगुवाई में 12 सदस्यीय समिति को नए किताबों को संशोधित करने की जिम्मेदारी दी गई थी।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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