यूपी में सपा-बसपा में गठबंधन तय ! कांग्रेस बाहर, सीटों का फार्मूला तैयार

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नई दिल्ली| लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की तैयारी कर रही कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है| तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उत्तरप्रदेश में सपा और बसपा के साथ गठबंधन की तैयारी कर रही कांग्रेस को निराशा मिली है| यहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखने का फैसला लगभग ले लिया है| दोनों ही दलों ने सीटों के बंटवारे का फ़ॉर्मूला भी तय कर लिया है और इसका औपचारिक ऐलान बसपा सुप्रीमो मायावती के बर्थडे यानी 15 जनवरी को किया जाएगा| मीडिया में आई ख़बरों की मानें तो दोनों पार्टियों ने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में अपने लिए सीटें तय कर ली है| लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में यह दोनों दल रालोद को गठबंधन में शामिल करते हुए भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।

सपा और बसपा- दोनों पार्टियां कांग्रेस के साथ यूपी में गठबंधन करने के मूड में नहीं है| हाल ही में हुई पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियां कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ी थीं| हालांकि नतीजों के बाद दोनों पार्टियों ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन दिया है| दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन न होने के लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार माना था| मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बसपा जहां 38 सीटों पर वहीं सपा 37 और तीन पर रालोद चुनाव लड़ेगा। कांगे्रसी गढ़ माने जाने वाले रायबरेली और अमेठी संसदीय सीट पर गठबंधन का प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ेगा। सपा अपने कोटे की कुछ और सीटें भी व्यक्ति विशेष या छोटे दलों को दे सकती है। कहा जा रहा है कि इस फॉर्मूले पर दोनों ही दलों के शीर्ष नेताओं के बीच सहमति भी बन चुकी है|

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद सभी पार्टियां लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं|  हालही में मिली बड़ी जीत के बाद कांग्रेस की आमचुनाव में खासी उम्मीदें बढ़ गई है| सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में अब तक यही माना जाता रहा कि भाजपा से मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होंगी| लेकिन सूत्रों का कहना है कि बसपा और सपा ने कांग्रेस से गठजोड़ न करने का फिलहाल फैसला कर लिया है।  दोनों का यह भी मानना है कि कांगे्रस को साथ लेने से उन्हें फायदा नहीं होगा क्योंकि उसके वोट सपा या बसपा को ट्रांसफर नहीं होते। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में अकेले चुनावी मैदान में उतरना पड़ सकता है. हालांकि गठबंधन की गुंजाइश बनी रहे, इस लिहाजा से सपा-बसपा कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली में गठबंधन प्रत्याशी नहीं उतारेंगी|  


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