Article 370: जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त करना सही है या गलत आज 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस महत्वपूर्ण फैसले को सुनाकर लंबे समय से चली रहीं सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। यह मामला 2019 से अदालत में रुका हुआ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डिवाइड चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने 16 दिनों तक दोनों पक्षों की दलील सुनी और आज चीफ जस्टिस ने फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया।
कितना समय लगा सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने में?
गौरतलब है कि आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दी गई थी, सभी अर्जियों को सुनने के बाद सितंबर में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज लंबे इंतजार के बाद उस फैसले को सुना दिया। अगर समय की बात तो आर्टिकल 370 को हटने के 4 साल, 4 महीने, 6 दिन बाद यानी आज सुप्रीम कोर्ट यह फैसला सुनाया और इस फैसले से यह साफ हो गया कि केंद्र सरकार का फैसला सही था।
कब हटाया गया था आर्टिकल 370?
आर्टिकल 370 को केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था। तब से इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। यह मामला 2019 से अदालत में रुका हुआ था। अगस्त 2019 में राष्ट्रपति के आदेश से, अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था। इसके अलावा जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था।
कांग्रेस नेता रविंदर शर्मा ने आर्टिकल 370 को लेकर क्या कहा?
आर्टिकल 370 को हटाए जाने के लिए कई नेता अपनी-अपनी टिप्पणियां दे रहे हैं अब इसी के चलते आर्टिकल 370 हटाए जाने के लिए कांग्रेस के नेता रविंदर शर्मा ने कहा, कि “लोग सुप्रीम कोर्ट से बहुत उम्मीद लगाए बैठे हैं और हमें इस बात पर पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट संविधान और लोगों की भावनाओं को बनाए रखेगा।