Baba Ka Dhaba पर उमड़े लोग, बुजुर्ग दंपत्ति के चेहरे पर आई मुस्कान

Gaurav Sharma
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश की राजधानी दिल्ली (delhi) एक बार फिर सुर्खियां बटोर रही है, लेकिन इस बार किसी राजनैतिक वजह (political reason) से नहीं बल्कि ‘बाबा का ढ़ाबा’ Baba Ka Dhaba की वजह से। दिल्ली के मालवीय नगर (delhi malviya nagar) में एक 80 साल के वृद्ध कांता प्रसाद अपनी पत्नी बादामी देवी के साथ ढ़ाबा चलाते है, लेकिन नोवेल कोरोना वायरस (novel corona virus)  के संक्रमण के डर से और लॉकडाउन के बाद से उनके ढ़ाबे पर कोई खाना खाने नहीं आता है, जिसके कारण उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

कहते है ना कि हर किसी का दिन आता है और सबके दिन बदलते है। ऐसा ही कुछ दिल्ली के बाबा का ढ़ाबा चलाने वाले 80 साल के बुजुर्ग कपल के साथ हुआ और देखते देख ढ़ाबे पर लोगों की भीड़ जुट गई। दरअसल, एक यूट्यूबर (youtuber) ने उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया (social media) पर वायरल कर दिया।

यूट्यूबर उनके छोटे से ढ़ाबे पर पहुंचा, जहां उसने बुजुर्ग कपल की कहानी सुनी, जिसके बाद उसने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने की बात कही। यूट्यूबर ने अपने अकाउंट पर वीडियो डाल दिया और देखते ही देख वो वायरल हो गया और देश भर से लोगों ने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया। सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि बॉलीवुड (bollywood) से भी लोग आगे आए जिनमे सुनील शेट्टी (suniel shetty) रवीना टंडन (Raveena tandon) स्वारा भास्कर (swara bhaskar) जैसे नाम शामिल है।

Baba Ka Dhaba के समर्थन में आई tweets :

 

वहीं वीडियो वायरल होने के कुछ देर बाद ही बाबा के ढ़ाबे पर खाना खाने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। अपने ढ़ाबे पर इतना हुजूम देखकर बुजुर्ग कपल के चहरे पर मुस्कान आ गई, जिसकी फोटो भी बहुत वायरल हो रही है। साथ ही #BabaKaDhaba ट्विटर पर टॉप ट्रेंड कर रहा है।

बता दें कि यूट्यूबर गौरव वासन ने इन बुजुर्ग कपल का वीडियो शेयर किया था। 06 अक्टूबर को यूट्यूबर गौरव वासन (YouTube Gaurav Vasan) द्वारा अपने चैनल पर वीडियो डाला गया था, जिसके बाद ये वीडियो तेजी से वायरल हुआ और लोगों का हुजूम वृद्ध कपल की मदद करने के लिए आगे आ गया।

क्यो खोला ढ़ाबा

दरअसल, कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी बीते कई सालों ने दिल्ली के मालवीय नगर में अपना छोटा सा ढ़ाबा चलाकर अपना गुजारा करते आ रहे है। दोनो की ही उम्र 80 साल है। वहीं कांता प्रसाद ने वायरल बताया कि उनके दो बेटे और एक बेटी भी है, लेकिन कोई भी उनकी मदद नहीं करता है। कांता प्रसाद पत्नी की मदद से सारा काम करते है और ढ़ाबा चलाते है।

कांता प्रसाद सुबह 6 बजे से लेकर 9 बजे तक पूरा खाना तैयार कर लेते है और वो देर रात तक दुकान पर रहते है। लॉक डाउन के पहले उनके पास लोग खाना खाने आते थे पर उसके बाद से लोगों ने आना बंद कर दिया, इतना कहकर वो रोने लगते हैं।

https://twitter.com/VasundharaTankh/status/1313881005179064320

देखे सोशल मीडिया का पावर

एक बार फिर बता दें की Baba Ka Dhaba के कांता प्रसाद सुबह 6 बजे से लेकर 9 बजे तक पूरा खाना तैयार कर लेते है और वो देर रात तक दुकान पर रहते है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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